वह अपने पुत्र को अपने हाथों पर लिए कड़ी धूप में अस्पताल मैं इधर से उधर भटकते रहे।

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गोरखपुर जिला अस्पताल का हाल बेहाल
एसआईसी डॉ0 एच0आर0 यादव के स्थानांतरण के बाद पटरी से उतरी व्यवस्था कार्यवाहक एसआईसी के लिए बनी चुनौती
अवधनामा ब्यूरो
गोरखपुर । नेताजी सुभाष चंद्र बोस जिला चिकित्सालय गोरखपुर में व्यवस्था लगातार पटरी से उतरती नजर आ रही है । यहां मरीजों को स्ट्रेचर उपलब्ध नहीं हो पा रहा है या जिन मरीजों को स्ट्रेचर उपलब्ध हो भी जा रहा है उनको अपने मरीज को एक वार्ड से दूसरे वार्ड व अन्य जांच के लिए खुद ही लाना व ले जाना पड़ रहा है ।
ऐसी ही एक घटना सोमवार देखने को मिली जब खोराबार थाना क्षेत्र के जगदीशपुर निवासी प्रहलाद प्रसाद अपने 10 वर्षीय पुत्र अर्पित को इलाज के लिए जिला अस्पताल लेकर आए। अर्पित के पैर में फ्रैक्चर हुआ है और प्रहलाद प्रसाद ओपीडी से इमरजेंसी और फिर इमरजेंसी से एक्सरे रूम तक अपने हाथों पर अपने बच्चे को लेकर इधर से उधर भटकते रहे लेकिन उनका कोई पुरसाने हाल नहीं था।
इस संबंध में प्रह्लाद प्रसाद ने बताया कि स्टेचर की मांग के बावजूद भी उन्हें स्टेचर उपलब्ध नहीं कराया गया और वह अपने पुत्र को अपने हाथों पर लिए कड़ी धूप में अस्पताल मैं इधर से उधर भटकते रहे।
वही जब इस बारे में जिला अस्पताल के प्रमुख अधीक्षक डॉ0 दिनेश कुमार सोनकर से बात की गई तो उन्होंने ऐसी किसी घटना से ही इंकार कर दिया। बताते चलें कि पूर्व एसआईसी डॉ0 एच0आर0 यादव के स्थानांतरण के बाद से जिला अस्पताल की व्यवस्था पूरी तरह पटरी सर उतर गई। सोमवार को आर्थो मेल वार्ड के मरीजों का कहना था कि तीन दिन से बेड की चादर नहीं बदली गई, वही हृदय रोग विभाग के ईसीजी सेंटर की चाभी गायब हो जाने की वजह से देर तक ताला लटकता रहा और मरीजों को असुविधा का सामना करना पड़ा। इसके अलावा परिसर में कई स्थानों पर कूड़े-कचरे भी नज़र आये।
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