प्रयागराज : जहाँ लॉक डाउन ने सामान्य जीवन को पटरी से उतार दिया है। यही नहीं तमाम मजदूरों के लिये ये दौर बेहद कठिन होता जा रहा है। प्रवासी मजदूरों के लिये खाने की बड़ी दिक्कत आ रही है लेकिन इस बीच ॐ नमः शिवाय कम्युनिटी किचन ने इनके लिये वरदान बनकर सामने आया है , देश को कोरोना की महामारी के संक्रमण से बचाने के लिए शुरू किये गए लॉक डाउन में गरीबों व ज़रूरतमंदों को दो वक्त का खाना मुहैया कराने के लिए तमाम संस्थाएं सामने आई थीं। लोगों ने ज़रूरतमंदों की भूख मिटाने में अपनी तरफ से कोई कोर -कसर भी नहीं छोड़ी, लेकिन लॉक डाउन के लम्बा खिंचने और तीसरा चरण शुरू होने पर तमाम लोगों की जेबें खाली हो गईं और उन्हें मजबूरी में अपने कदम पीछे खींचने पड़े। हालांकि तमाम संस्थाएं अब भी पूरे जोश व उत्साह के साथ लोगों को दो वक्त की रोटी मुहैया करा रही हैं। इन्हीं चुनिंदा संस्थाओं में प्रयागराज की ओम नमः शिवाय भी शामिल है, जिसके कम्युनिटी किचन से अब तक अकेले प्रयागराज में पंद्रह लाख से ज़्यादा लोगों का पेट भर चुका है। यह संस्था जिले में रोज़ाना तकरीबन पैंतीस हज़ार ज़रूरतमंदों तक खाना पहुंचाती है। संस्था द्वारा यूपी के तीन अन्य शहरों लखनऊ – कानपुर और अयोध्या में भी रोज़ाना इसी तरह लोगों को खाना दिया जा रहा है।
ओम नमः शिवाय संस्था प्रयागराज समेत चारों शहरों से रोज़ाना सवा लाख से ज़्यादा लोगों को दो वक्त का भोजन मुहैया कराती है। यह संस्था सीएम आफिस के हेल्पलाइन और चारों शहरों के सरकारी कंट्रोल रूम से भी जुडी हुई है। चारों शहरों में बाहर से आने वाले ज़्यादातर मजदूरों व छात्रों तक भी इसी संस्था का खाना दिया जाता है। प्रयागराज में इस संस्था का कम्युनिटी किचन शहर के गऊघाट इलाके में प्रशासन की निगरानी में चलता है। तकरीबन चौबीसों घंटे चलने वाली रसोई में तैयार भोजन को वाहनों से सीधे ज़रूरतमंदों तक पहुंचाया जाता है। पैक्ड खाना कम ही दिया जाता है। ज़्यादातर लोगों को उनके बर्तनों में उनकी ज़रूरत के मुताबिक़ भोजन दिया जाता है, ताकि लोग भरपेट खाना खा सकें और अन्न की बर्बादी भी न हो।
ओम नमः शिवाय संस्था को चलाने वाले गुरु जी के मुताबिक़ बड़ी संख्या में खाना परोसने के साथ ही उसकी क्वालिटी को लेकर भी ख़ास ध्यान दिया जाता है। अकेले प्रयागराज में रसोइयों व दूसरे स्टाफ के साथ ही संस्था के ढाई तीन सौ स्वयंसेवकों की टीम भी इस काम में लगी रहती है। किचन में साफ़ सफाई पर खूब फोकस किया जाता है। जो भी अधिकारी इस कम्युनिटी किचन का निरीक्षण करने के लिए आते हैं, उन्हें ज़रूरतमंदों में बांटे जाने वाला भोजन ही खाने को दिया जाता है, ताकि उन्हें क्वालिटी का अंदाजा हो सके।
ऐसा कम्युनिटी किचन जिसने प्रयागराज में पंद्रह लाख ज़रूरतमंदों का भरा पेट.
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