350 से भी अधिक प्रतिनिधि राष्ट्रीय विषय पर करेंगे चर्चा

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BRIJENDRA BAHADUR MAURYA………………………
350 से भी अधिक प्रतिनिधि राष्ट्रीय विषय पर करेंगे चर्चा
अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद की राष्ट्रीय कार्यकारी बैठक पहली बार लखनउ में होगी आयोजित
लखनऊ।विभिन्न शैक्षिक तथा राष्ट्रीय विषयो पर अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद की राष्ट्रीय कार्यकारिणी परिषद की बैठक पहली बार राजधानी लखनऊ में आयोजित होने जा रही है,जिसमें देश के सभी प्रांतों से 350 से भी अधिक प्रतिनिधि विभिन्न शैक्षिक वा राष्ट्रीय विषयों पर विस्तार से  चर्चा-परिचर्चा करेंगे और आगामी वर्ष की कार्य दिशा तय करेंगे।
राष्ट्रीय कार्यकारी परिषद की बैठक से पूर्व पत्रकार वार्ता को संबोधित करते हुए अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के राष्ट्रीय महामंत्री विनय बिद्रे ने बताया कि यह बैठक संगठन के  वर्ष भर के सभी कार्यक्रम की दिशा तय करती है।इस बार आयोजन ख़ास इसलिए होगा क्योकि उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में  पहली बार इस बैठक का आयोजन होने को तैयार है। बैठक से पूर्व केंद्रीय कार्यसमिति की बैठक 27 मई को होगी। 28 मई को शाम के समय नागरिक अभिनंदन समारोह का आयोजन होगा  जिसमें मुख्य अतिथि के तौर पर उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री योगी आदित्यनाथ रहेंगे। राष्ट्रीय कार्यकारिणी परिषद में विभिन्न विषयों पर कुछ प्रस्ताव भी लाए जाएंगे जिनमें शहरी नक्सलवाद केरल में वामपंथी हिंसा,निजी विद्यालयों द्वारा मनमानी फीस उगाही,नदी संरक्षण विषय प्रमुख रूप से शामिल रहेंगे साथ ही उत्तर प्रदेश की वर्तमान शैक्षिक और सामाजिक स्थिति पर भी चर्चा होगी।सहारनपुर हिंसा प्रकरण में विनय बिद्रे ने कहा की सहारनपुर में हुए राजनीतिक झगड़े को जातीय रंग देने की साजिश समाज के समक्ष है। किसी भी प्रकार की हिंसा का सहन नहीं किया जाना चाहिए और दोषियों पर कड़ी कार्रवाई होनी चाहिए। अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद प्रदेश के सर्व समाज को विशेष कर युवाओं को आवाहन करती है कि समाज को बांटने की इस साजिश को समझें और समरसता वातावरण के निर्माण हेतु आगे आएं।
अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद नवनिर्वाचित उत्तर प्रदेश सरकार से मांग करती है कि पूरे प्रदेश में सत्र शुरू होंते ही एक साथ छात्र संघ चुनाव करवाए ताकि छात्रों की भी लोकतांत्रिक व्यवस्था में सक्रिय भागीदारी सुनिश्चित हो और परिसरों में छात्रसंघ अपनी रचनात्मक ऊर्जा से समाज में परिवर्तन लाने का प्रयास करे। सुखमा हमले में शामिल नक्सली पोड़ियांन पांडा ने अपने आत्मसमर्पण के बाद दिल्ली विश्वविद्यालय की वामपंथी प्रोफेसर नंदिनी सुंदर और टीआईएसएस की पूर्व प्रोफेसर बेला भाटिया का जंगलों में बैठे हिंसक नक्सलियों से सम्बन्ध उजागर किया है जिसके कारण शहरी नक्सलवाद का चेहरा पूरे देश के सामने आया है।राष्ट्रीय कार्यकारी परिषद बैठक में शहरी नक्सलवाद के खतरे को समझने और उस पर कार्यवाही के विषय में चर्चा की जाएगी। केरल में जिस प्रकार वामपंथी गुंडों द्वारा लगातार अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद व संघ कार्यकर्ताओं पर हमले किए जा रहे हैं इससे राज्य सरकार द्वारा उन्हें दिया जा रहा आश्रय स्पष्ट रूप से दिख रहा है।राष्ट्रीय कार्यकारी परिषद इस गंभीर चुनोती पर भी चर्चा करेगी।
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