एलडीए के बाबू ने रिवाल्वर निकाल कर बचाई अपहरणकर्ताओं से जान

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BRIJENDRA BAHADUR MAURYA……..

एलडीए के बाबू ने रिवाल्वर निकाल कर बचाई अपहरणकर्ताओं से जान
मुन्ना बजरंगी के लोगों ने प्लाट आवंटन का बनाया दबाव
बाबू पर पहले भी लगे है आरोप
एलडीए भवन की सुरक्षा में लगी सेंध
लखनऊ । राजधानी के गोमती नगर स्थित लखनऊ विकास प्राधिकरण के भवन में मंगलवार को 20 लोगों के समूह ने एक बाबू के अपहरण का प्रयास किया पर एलडीए के बाबू भी कम मामूली नहीं निकले, उन्होनें तुरंत ही अपहरणकर्ताओं पर रिवाल्वर तान कर जान बचा ली । दोपहर करीब 2:30 बजे एलडीए में तैनात बाबू एम एन ओझा के अपहरण का प्रयास किया गया और उन्हें अपनी सुरक्षा के लिए रिवॉल्वर निकालनी पड़ी । सूत्रों के मुताबिक 15 लाख के प्लाट आवंटन के मामले को लेकर ये काण्ड किया गया है और बाबू का आरोप है की जबरन आवंटन करने का दबाव उस पर बनाया जा रहा था। मना करने पर उसके अपहरण का प्रयास किया गया और बचाव में उसने रिवाल्वर निकाली। हालांकि जब पुलिस मौके पर पहुंची तो गुर्गे भाग खड़े हुए थे ।

ओझा ने बताया कि करीब 20 लोग उस पर दबाव बनाने आये थे कि 1/392 वसंत कुञ्ज स्थित जो प्लाट आदर्श अग्रवाल के नाम है, वह उन लोगों के नाम कर दिया जाये । मुख्य रूप से घनश्याम मिश्रा और अमरीश अपने आप को मुन्ना बजरंगी से जुड़ा बता रहे थे। वे कई दिन से 15 लाख रूपए रंगदारी मांग रहे थे। इस मामले में मुन्ना बजरंगी को नामजद कर लिखित तहरीर गोमती नगर थाने में दे दी गयी है। गोमतीनगर पुलिस ने मौके पर पहुँच पड़ताल कर दी है और उनकी ओर से देर शाम एफआईर दर्ज करने का आश्वासन दिया गया क्यूंकि एसओ गोमतीनगर मुख्यमंत्री की सुरक्षा में तैनात थे।

क्या ऐसे होगी एलडीए भवन की सुरक्षा
ये हाल तब है जब बीते चार साल में सुरक्षा का बजट 93 लाख से बढ़कर 9 करोड़ तक पहुंच गया है। खुद एलडीए में प्राइवेट सुरक्षा कर्मियों को छोड़ कर 27 सिपाही और 2 दरोगा तैनात हैं। एलडीए हर महीने सुरक्षा व्यवस्था पर लगभग सवा करोड़ रुपए खर्च कर रहा है। प्राधिकरण मुख्यालय समेत योजनाओं और पार्कों में बड़ी संख्या में सुरक्षा कर्मी तैनात किए गए हैं। गौरतलब है कि इससे पहले इसी बाबू पर फ़र्ज़ी आवंटन के बदले 15 लाख घूस देने की बात सामने आई थी।

एलडीए में अंदर घुसते समय सुरक्षा कर्मी और मेटल डिटेक्टर लगाए गए हैं। लेकिन फिर भी लगभग 20 लोग एक साथ अंदर घुस आये और जिसमें से एक पास असलहा भी था। जबकि एलडीए परिसर में फरियादियों को शस्त्र लेकर आने की अनुमति नहीं है।

बताते चलें कि इस तरह की घटना कोई नयी नहीं है। इससे पहले मुख्य अभियंता के कक्ष में टेंडर को लेकर दो गुट आपस में भिड़ गए थे।
एलडीए सचिव जय शंकर दुबे ने कहा कि ये सुरक्षा की दृष्टि से बड़ी लापरवाही है। समीक्षा बैठक कर ज़िम्मेदारों से जवाब माँगा जाएगा। संतोषजनक जवाब न मिलने पर कार्रवाई भी होगी।

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