दुनियाभर में कोरोनावायरस संक्रमण बड़े पैमाने पर फैलने के बाद भारतीय युवक के साथ इजराइल में नस्लीय भेदभाव का मामला सामने आया है।
स्थानीय मीडिया के मुताबिक मणिपुर के एम शालेम सिंगसन को 14 मार्च को टिबेरियास सिटी में दो लोगों ने पहले चीनी बुलाया। इसके बाद कोरोना-कोरोना कहकर उनपर हमला कर दिया। हमलावरों की पिटाई से सिंगसन घायल हो गए। सीने में दर्द की शिकायत के बाद उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया। पुलिस इलाके में लगे सीसीटीवी फुटेज की आधार पर दो संदिग्धों की तलाश में जुटी है।
सिंगसन ने पुलिस को बताया कि उसने हमलावरों को यह बताने की कोशिश भी की वह न तो चीन से हैं और न ही कोरोनोवायरस से संक्रमित। लेकिन, इसके बाद भी वे नहीं रुके और उनके साथ मारपीट की।
सिंगसन तीन साल पहले अपने परिवार के साथ इजरायल आए थे। वे पूर्वोत्तर भारत में रहने वाले नेई मिनेश आदिवासी समुदाय से हैं। नेई मिनेश आदिवासियों के इमिग्रेशन के लिए काम करने वाली संस्था शेवी इजरायल ने इस घटना की जांच की मांग की है। संस्था के चेयरमैन और संस्थापक माइकल फ्रेंड ने कहा कि मैं टिबेरियास में हुए नस्लीय हमले से हैरान हूं। इजराइली पुलिस से इस मामले की तुरंत जांच की मांग करता हूं। हमले में शामिल लोगों को सजा दी जाए।
भारत में नेई मिनेश आदिवासी समुदाय के करीब 6,500 लोग हैं। इनमें से करीब 3,000 लोग 2000 से अब तक इजरायल में जाकर बस चुके हैं। इस समुदाय के 700 लोग अभी भी इजराइली सरकार से वहां रहने की अनुमति मिलने का इंतजार कर रहे हैं। भारत में इस समुदाय के लोग मणिपुर और मिजोरम में रहते हैं।