ऑल इंडिया मजलिसे इत्तेहादुल मुस्लेमीन पार्टी के अध्यक्ष ने मुसलमानों के जनसंहार में प्रधानमंत्री को ज़िम्मेदार क़रार देते हुए कहा कि मोदी ने मुसलमानों के बारे में अपनी ज़िम्मेदारियों पर अमल नहीं किया।
तस्नीम न्यूज़ एजेन्सी की रिपोर्ट के अनुसार एआईएमआईएम के अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी ने संसद में अपने भाषण में केन्द्र सरकार की नीतियों की आलोचना करते हुए मुसलमानों के जनसंहार के लिए देश के अधिकारियों को ज़िम्मेदार क़रार दयिा है।
उनका कहना था कि देश के न्यापालिका को इस मामले को गंभीरता से लेना चाहिए और इस मामले में लिप्त समस्त सरकारी और ग़ैर सरकारी लोगों को क़ानून के कटघरे में खड़ा करे।
एआईएमआईएम के अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी ने कहा कि खेद की बात यह है कि जब दिल्ली में मुसलमानों का जनसंहार हो रहा था उसी समय प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी मुस्कुरा कर अमरीकी राष्ट्रपति डोनल्ड ट्रम्प का स्वागत कर रहे थे।
असदुद्दीन ओवैसी का कहना था कि हम दिल्ली हिंसा से प्रभावितों और पीड़ितों के साथ और जब तक ज़िम्मेदारों को सज़ा नहीं मिलती हम चैन से नहीं बैठेंगे।
ज्ञात रहे कि भारत सरकार ने 11 दिसंबर को नागरिकता संशोधन क़ानून पारित किया है। इस क़ानून के मुताबिक़ बंग्लादेश, अफ़ग़ानिस्तान और पाकिस्तान से 2015 से पहले भारत में शरण लेने वाले, भारतीय नागरिकता ले सकते हैं लेकिन यह क़ानून मुसलमानों को शामिल नहीं करता।
इस बीच चरमपंथी हिन्दुओं ने पूर्वोत्तरी दिल्ली में मुसलमानों के मुहल्लों पर हमला किया और उनके घरों, मस्जिदों और दुकानों को ध्वस्त कर दिया। मुसलमानों के मुहल्लों पर पेट्रोल बम मारे।
भारत सरकार के मुताबिक़, 23 फ़रवरी से शुरु हुयी हिंसा में, 50 लोग मारे गए और 300 से ज़्यादा घायल हुए।