डिस्लेक्सिया जारूकता अभियान में हो रहा प्रचार-प्रसार
इटावा। महानिदेशक स्कूल शिक्षा के निर्देश के क्रम में डाॅ.राजेश कुमार जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी तथा अर्चना सिन्हा जिला समन्वयक समेकित शिक्षा द्वारा के निर्देशन में जनपद के समस्त विकास खण्डों में बेसिक शिक्षा विभाग के अन्तर्गत संचालित परिषदीय विद्यालयों में अभिभावक संगोष्ठी एवं डिस्लेक्सिया जागरूकता रैली/अभियान को आयोजन किया जा रहा है।इसके अन्तर्गत अभिभावको/जनसमुदाय को जानकारी दी जा रही है कि विद्यालय में अध्ययनरत ऐसे बच्चों की पहचान की जाय जो रीडिंग,राईटिंग एवं अर्थमेटिंग में कमजोर है।अर्चना सिन्हा जिला समन्वयक(समेकित शिक्षा)ने बताया कि भारत सरकार द्वारा आरपीडब्लूडी एक्ट,2016 के अन्तर्गत 21 प्रकार की दिव्यांगताओं को मान्यता दी गयी है।इस 21 प्रकार की दिव्यांगता में एक विशिष्ट अधिगम अक्षमता (स्पेसिफिक लर्निंग डिसेबीलिटी)को भी मान्यता दी गयी है।इसके आधार पर माह अक्टूबर में डिस्लेक्सिया जागरूकता रैली/अभियान मना कर जन समुदाय को जागरूक करना है।
पी0एम0श्री कम्पो0विद्यालय रजमऊ,जसवन्तनगर तथा पी0एम0श्रीकम्पो0विद्यालय काॅधनी, बढपुरा में जागरूकता अभियान के अन्तर्गत बताया गया कि स्पेसिफिक लर्निंग डिसआर्डर/डिसेबीलिटी की पहचान में रिडिंग,राईटिंग एवं अर्थमेटिंग में होने वाली समस्याओं से डिस्लेक्सिया की पहचान की जा सकती है।बच्चा कक्षा 3 या 8 वर्ष या 8 वर्ष से उपर का हो, बच्चें की सुनने तथा देखने की क्षमता अच्छी हो,बच्चा चश्मा का प्रयोग करने के उपरान्त अच्छे से देख पा रहा हो।बच्चा भावनात्क एवं व्यवहरात्मक समस्या से ग्रसित न हो,चंचल या हाईपर एक्टिव न हो।बच्चा घबराहट के कारण किसी कार्य को बार-बार दोहराता न हो।डिस्लेक्सिया जागरूकता कार्यक्रम के अन्तर्गत प्रा0वि0भीखनपुर,ताखा,उ0प्रा0वि0 नगला लोहा सैफई,प्रा0वि0रम्पुरा बसरेहर में इस प्रकार की बच्चों की अनेक समस्याओं और बातों को ध्यान में रखते हुए स्पेशल एजूकेटर्स के माध्यम से परिषदीय विद्यालयों में अभिभावकों को डिस्लेक्सिया के अन्तर्गत जागरूक किया जा रहा है।





