हली प्राथमिकता विधवाओं को, दूसरी तलाकशुदा और तीसरी परित्यक्ता को दी जाएगी| कार्मिक चयन में मिलेगा सीधा लाभ|
विधवा, तलाकशुदा और परित्यक्ता महिलाओं को आउटसोर्सिंग में मिलेगी विशेष वरीयता
उत्तर प्रदेश सरकार का बड़ा फैसला, नई नीति में 10 अतिरिक्त अंक, वरीयता क्रम भी तय
आगरा। उत्तर प्रदेश सरकार ने आउटसोर्सिंग व्यवस्था को पारदर्शी और संवेदनशील बनाते हुए एक ऐतिहासिक निर्णय लिया है। अब राज्य के विभिन्न विभागों, कार्यालयों और संस्थाओं में तैनात किए जाने वाले आउटसोर्सिंग कर्मियों के चयन में विधवा, तलाकशुदा और परित्यक्ता महिलाओं को विशेष वरीयता दी जाएगी।
प्रदेश सरकार द्वारा गठित उत्तर प्रदेश आउटसोर्स सेवा निगम के दिशा-निर्देशों के अनुसार, इन वर्गों की महिलाओं को चयन प्रक्रिया में 10 अतिरिक्त अंक प्रदान किए जाएंगे। साथ ही स्पष्ट वरीयता क्रम भी निर्धारित कर दिया गया है।
प्रथम वरीयता विधवा महिला,
द्वितीय वरीयता तलाकशुदा महिला,
तृतीय वरीयता परित्यक्ता महिला, पति द्वारा छोड़ी गई, अकेले जीवन-यापन कर रही महिला।
100 अंकों की मेरिट प्रणाली में मिलेगा लाभ
सरकार द्वारा निर्धारित 100 अंकों की चयन प्रणाली में यह 10 अंक सीधे तौर पर जुड़ेंगे। अन्य मापदंड इस प्रकार होंगे। अधिमानी शैक्षणिक योग्यता 25 अंक, विभागीय लिखित परीक्षा 50 अंक, स्थानीय निवास जनपद/मण्डल स्तर 15 अंक, विधवा/तलाकशुदा/परित्यक्ता 10 अंक। प्रदेश के प्रमुख सचिव अमित कुमार घोष द्वारा जारी शासनादेश में स्पष्ट किया गया है कि इन वर्गों की महिलाओं को सामाजिक एवं आर्थिक संबल प्रदान करने के उद्देश्य से यह नीति लागू की गई है। यह फैसला सिर्फ चयन प्रक्रिया में राहत नहीं, बल्कि आर्थिक आत्मनिर्भरता का मार्ग भी प्रशस्त करेगा।
महिलाओं की सहभागिता बढ़ाने का प्रयास
निगम के माध्यम से स्किल्ड, सेमी-स्किल्ड और अनस्किल्ड मैनपावर की भर्ती की जाएगी और इसमें महिलाओं की सक्रिय भागीदारी सुनिश्चित करने के लिए यह निर्णय लिया गया है। विशेषकर वे महिलाएं जो सामाजिक कठिनाइयों का सामना कर रही हैं, उनके लिए यह सरकारी व्यवस्था एक नई आशा लेकर आई है।
महिला अभ्यर्थियों के लिए यह सुनिश्चित किया जाएगा कि किसी प्रकार का भेदभाव न हो और चयन पूरी पारदर्शिता के साथ हो। स्थानीय स्तर से लेकर राज्य स्तर तक मॉनिटरिंग कमेटियां गठित की जाएंगी, जो प्रक्रिया की निगरानी करेंगी।
न सिर्फ नौकरी, सम्मान भी
इस नीति के लागू होने से विधवा, तलाकशुदा और परित्यक्ता महिलाओं को केवल नौकरी का अवसर ही नहीं, बल्कि सम्मानजनक जीवन जीने की दिशा में मजबूत आधार भी मिलेगा। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ द्वारा स्वीकृत इस योजना को सशक्त महिला सशक्त उत्तर प्रदेश के रूप में देखा जा रहा है। यह प्रावधान राज्य सरकार के सभी विभागों, निगमों, स्वायत्त संस्थाओं, समितियों, और ब्लॉक स्तर तक लागू होगा। चयन प्रक्रिया में साक्षात्कार की अनिवार्यता नहीं होगी केवल श्रेणी एक व दो पदों को छोड़कर। ईपीएफ, ईएसआइसी, समय पर वेतन, और आरक्षण जैसे सभी लाभ भी इस व्यवस्था में शामिल होंगे। यूपी सरकार की इस नई नीति से हजारों महिलाओं को नई दिशा और नया जीवन मिलेगा।