लखनऊ। घंटाघर पर चल रहे प्रदर्शन के आज 23वें दिन आंदोलन की अगुआकार महिलाओं ने एक स्वर से कहा कि 9 फरवरी को ’लखनऊ चलो’ का आह्वान वापस नहीं लिया गया है। इसे वापस लिए जाने की फैलायी जा रही अफवाह साजिश का हिस्सा है ताकि आंदोलन को भटकाया जा सके।
अगुआकार महिलाओं ने कहा कि बंद कमरों में बनी किसी भी कमेटी का आंदोलन से कोई रिश्ता नहीं हैं। ऐसी किसी भी कमेटी के अधीन घंटाघर का आंदोलन नहीं है। महिलाओं ने जोर देकर कहा कि घंटाघर पर बैठी महिलाओं का आंदोलन नागरिकता का स्वतंत्र आंदोलन है जो नागरिकों द्वारा ही संचालित है।
इसका कोई राजनैतिक आका नहीं है। यह आंदोलन संविधान को बचाने यानी देश को बचाने के लिए है। इसमें सभी का स्वागत है लेकिन इसका राजनैतिक इस्तेमाल अशोभनीय है।
अगुआकार महिलाओं ने एक बार फिर आह्वान किया कि रविवार 9 फरवरी को लखनऊ चलो अभियान को सफल बनाएं। प्रेस वार्ता में इरम, नाहिद अकील, सना, सुनीता रावत, आजरा, जीनत, फौजिया, मेहनाज आदि अगुआकार महिलाओं ने संबोधित किया।