लखनऊ। सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने बयान जारी कर प्रदेश सरकार पर निशाना साधा है। उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश में बेखौफ अपराधी मानवता को शर्मसार करने वाली घटनाओं को अंजाम दे रहे हैं।
पुलिस की नई कमिश्नरी व्यवस्था भी फेल है। पुलिस का इकबाल खत्म हो चला है। राजधानी सहित तमाम जनपदों में रोज ही बलात्कार, छेड़छाड़ हत्या, और लूट की घटनाएं हो रही हैं। अपराध पर नियंत्रण के सभी दावे हवाहवाई साबित हुए हैं। ‘रोगी सरकार‘ प्रदेश को बेहाल कर दिल्ली में वोट मांगने, और टीवी पर अपनी छवि दिखाने में ही व्यस्त हैं।
अखिलेश ने कहा कि आजमगढ़ में दबंगों ने दो परिवारों की खुशियां छीन लीं। बारात के दूल्हे को गोलियों से छलनी कर दिया गया। मौके पर उसकी दुःखद मौत हो गई। प्रशासन की लापरवाही से मिर्जापुर के प्राथमिक विद्यालय में मिड डे मील बनाने के दौरान एक बच्ची की सब्जी के बर्तन में गिरने से मौत हो गई। सीतापुर में 8 साल की एक बच्ची की दुष्कर्म के बाद गला घोंट कर हत्या कर दी गई। रायबरेली के हरचंदपुर में बीएससी की छात्रा को जिंदा जला दिया गया। घटनाएं और भी हैं।
उन्होंने कहा कि अपराधी कितने निर्भीक हैं और पुलिस कितनी असहाय! लखनऊ में ही एक पूर्व पीसीएस अफसर की गाड़ी घर के बाहर से गायब हो गई। वाराणसी में तो एक दारोगा सहित चार लोग एक युवती से गैंगरेप में आरोपित हैं तो हरदोई में एक इंटर की छात्रा को अगुवा कर दुष्कर्म का आरोपित थाने की दीवार फांदकर ही नौ दो ग्यारह हो गया। काश, मुख्यमंत्री जी को प्रदेश की कानून व्यवस्था पर नज़र डालने की फुर्सत मिल पाती। एक ज्वलंत प्रश्न है कि आखिरकार इस भाजपा सरकार में बहन-बेटियों पर इतने जुल्म क्यों हो रहे हैं? मुख्यमंत्री जी का तो दावा था कि अपराधी या तो जेल में रहेंगे या प्रदेश के बाहर लेकिन ऐसा कुछ भी देखने में नहीं आया। बल्कि हकीकत तो यह है कि अपराधी निद्र्वंद्व है, जेल से भी उनके धंधे बदस्तूर चल रहे हैं। अपराधी सरकार की नाक के नीचे ही जमे हैं और कानून व्यवस्था को चुनौती दे रहे हैं।