इटावा। इमाम बारगाह घटिया अज़मत अली पर मौलाना अनवारुल हसन ज़ैदी की ओर से रसूल अल्लाह और इमाम हसन की शबे शहादत पर मजलिस का आयोजन किया गया।मजलिस में तक़रीर करते हुए लखनऊ से आये मौलाना तनवीर अब्बास रिज़वी ने कहा कि रसूल अल्लाह अपनी उम्मत से फरमाते हैं मैं जा रहा हूं मगर दो चीजें छोड़कर जा रहा हूं एक अल्लाह की किताब कुरान और एक मेरे एहलैबैत जो दोनों का दामन थामे रहेगा वो कभी गुमराह नही होगा। कुरान और एहलैबैत कयामत तक एक दूसरे से जुदा नहीं होंगे।कुरान कयामत तक के लिए हिदायत है तो एहलैबैत भी कयामत तक के लिए हिदायत हैं।रसूल की हिदायत की जिम्मेदारी कयामत तक के लिए हैं।
इसलिए रसूल ने हिदायत की जिम्मेदारी इमामत को सौपी।इमाम हसन को जहर देकर शहीद किया गया और उनके जनाजे पर तीर चलाये गए।सराये शेख स्थित मस्जिद में दबीरुल हसन व तबरेज और पक्की सराये स्थित बड़े इमामबाड़े में असद रज़ा की ओर से मजलिसें हुईं।मजलिस में तसलीम रज़ा, सलीम रज़ा,ज़हूर नक़वी ने सोजख्वानी की मो.मेंहदी जैद लखनऊ,सलमान रिज़वी,मो.सादिक़ ने कलाम पेश किए। अख्तर अब्बास रिज़वी,मो.मेंहदी जैद, तनवीर हसन,कैफ वारसी ने नोहाख़्वानी की।मजलिस में अल्हाज कमर अब्बास नकवी करबलाई,हाजी अरशद मरगूब, राहत अक़ील,शावेज़ नक़वी,मुशीर हैदर, आतिफ एड.,राहत हुसैन रिज़वी आदि मौजूद रहे।