आजकल रील्स देखने का चलन बढ़ गया है पर ये दिमाग के लिए हानिकारक है। न्यूरोइमेज जर्नल में छपी एक स्टडी के अनुसार रील्स देखने से दिमाग के रिवार्ड सिस्टम की एक्टिविटी बढ़ जाती है जिससे डोपामिन की आदत लग जाती है। शराब और जुए की लत की तरह रील्स भी दिमाग को नुकसान पहुंचाती है।
आज के समय में शायद ही कोई ऐसा होगा जिसे इंस्टाग्राम या यूट्यूब पर रील स्क्रॉल करने की आदत न हो। हम सभी जब दिनभर की बिजी शेड्यूल के बाद जब थके हारे घर आते हैं तो मोबाइल पर रील जरूर देखते हैं। ये भले ही हमें दो पल की खुशी दे, लेकिन ये हमारी सेहत के लिए बहुत खतरनाक होती है। कई बार हम सोचते हैं कि बस पांच मिनट के लिए इंस्टाग्राम रील्स या टिकटॉक देख लेंगे। लेकिन दिमाग के लिए ये जहर से कम नहीं है।
ऐसा हम नहीं, न्यूरोइमेज नाम के जर्नल में छपी एक स्टडी बता रही है। इस पर तियानजिन नॉर्मल यूनिवर्सिटी के शोधकर्ता प्रोफेसर कियांग वांग ने चौंकाने वाला खुलासा किया है। उनका कहना है कि ज्यादा रील्स देखने वालों में भी वही असर देखने को मिला जाे शराब पीने और जुआ खेलने वालों में देखे गए हैं।
रिवार्ड सिस्टम की बढ़ जाती एक्टिविटी
इस रिसर्च में पाया गया कि लगातार शॉर्ट वीडियो देखने से दिमाग में रिवार्ड सिस्टम (Reward System (वही हिस्सा जो हमें मजा और खुशी महसूस कराता है)) की एक्टिविटी बढ़ जाती है। साथ ही इमोशन, फोकस और बॉडी को कंट्रोल करने वाले हिस्सों की कनेक्टिविटी बिगड़ने लगती है।
दिमाग को लग जाती है आदत
आसान शब्दों में कहें तो रील्स आपके दिमाग को बार-बार डोपामिन (प्लेजर केमिकल) की आदत डाल देती है। इससे रोजमर्रा की खुशियां जैसे किताबें पढ़ना, अच्छा खाना खाना या दोस्तों से बातें करना फीकी लगने लगती हैं। धीरे-धीरे दिमाग को तेज, नई और लगातार एक्साइटमेंट की जरूरत पड़ने लगती है।
रील्स दिमाग को कैसे एक्साइट करती है?
रील्स को इस तरह बनाया जाता है कि आप उनमें फंसे रहें। हर स्वाइप, टैप और ऑटोप्ले पर दिमाग को डोपामिन का एक छोटा झटका मिलता है। रील्स की तेज-तेज कटिंग और नया कंटेंट देखने की आदत आपके दिमाग के उस हिस्से को थका देती है जो फोकस, सोच-समझकर फैसले लेने और इमोशन्स कंट्रोल करने के काम आता है। लंबे समय तक ऐसा होने पर दिमाग धीरे-धीरे अपने आप से मजे लेना भूलने लगता है।
शराब या जुए की लत से मिलता जुलता है पैटर्न
रिसर्च से पता चला है कि ये बदलाव शराब या जुए की लत वाले पैटर्न से मिलता-जुलता है। रील्स हमारे दिमाग के प्रीफ्रंटल कॉर्टेक्स पर असर डालता है। नतीजा ये होता है कि किसी काम पर लंबे समय तक ध्यान लगाना मुश्किल हो जाता है। बातचीत की छोटी-छोटी बातें याद नहीं रहती हैं। अचानक कोई भी काम करने की इच्छा (इम्पल्स) पर काबू कम हो जाता है।
नींद पर पड़ता है असर
रात में देर तक रील्स देखना भी खतरनाक होता है। मोबाइल की लाइट और वीडियोज दिमाग को आराम का सिग्नल नहीं देते हैं। इससे मेलाटोनिन हार्मोन देर से बनता है और नींद आने में दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। आपको बता दें कि नींद की कमी से दिमाग का हिप्पोकैम्पस (सीखने और याद रखने वाला हिस्सा) प्रभावित होता है। इससे नई बातें याद रखने, जानकारी को प्रोसेस करने और साफ सोचने में दिक्कत आती है। धीरे-धीरे सुबह उठकर हमारा दिमाग सुस्त महसूस करने लगता है और पूरा दिन थकान रहती है।
दिमाग को हेल्दी रखने के टिप्स
- ऐप में टाइमर लगाएं।
- हर आधे घंटे में थोड़ी देर फोन से दूरी बनाएं।
- सोने की जरूरत को समझें।
- एक्सरसाइज जरूर करें।
- हॉबी पर ध्यान दें।
- दोस्तों के साथ समय बिताएं।