Wednesday, August 27, 2025
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फर्जी सीबीआई अफसर बनकर महिला को डिजिटल अरेस्ट कर 47 लाख की ठगी,तीन गिरफ्तार

सुल्तानपुर/लखनऊ। राजधानी में फर्जी सीबीआई अफसर बनकर एक महिला से 47 लाख रुपये की ठगी करने वाले गिरोह का भंडाफोड़ हुआ है। साइबर क्राइम थाना पुलिस ने इस मामले में तीन आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है। आरोपियों ने महिला को वीडियो कॉल कर डिजिटल अरेस्ट में लेने की धमकी दी और फर्जी आरोपों में जेल भेजने का डर दिखाकर बड़ी रकम ऐंठ ली।इंस्पेक्टर बृजेश कुमार यादव के मुताबिक, 18 जुलाई को रीता भसीन नाम की महिला ने थाने में शिकायत दर्ज कराई थी कि कुछ लोगों ने उन्हें फोन कर बताया कि उनके मोबाइल नंबर और आधार कार्ड का इस्तेमाल अवैध गतिविधियों में किया गया है।

आरोपियों ने खुद को सीबीआई अधिकारी बताकर कहा कि उनके खिलाफ मुंबई के अंधेरी ईस्ट थाने में एफआईआर दर्ज है। इसके बाद वीडियो कॉल पर उन्हें जेल भेजने की धमकी दी गई और एक फर्जी अरेस्ट वारंट भेजा गया।डरी-सहमी महिला को लगातार वीडियो कॉल कर मानसिक रूप से दबाव में लिया गया।आरोपियों ने खुद को पुलिस अधिकारी की वर्दी में दिखाया और थाने जैसा सेटअप दिखाकर भरोसा दिलाया। डर के कारण महिला ने 47 लाख रुपये उनके बताए खातों में ट्रांसफर कर दिए।

पुलिस ने तकनीकी सर्विलांस के जरिए आरोपियों का पता लगाकर उन्हें दबोच लिया। गिरफ्तार लोगों में अनुराग तिवारी निवासी डेंगुर तिवारी, बल्दीराय जिला सुल्तानपुर, प्रखर प्रताप सिंह निवासी जवाहर विहार कॉलोनी, रायबरेली और अनुपम सिंह निवासी आईटीआई कॉलोनी, अंबेडकरनगर शामिल हैं। इनके पास से दो मोबाइल, 14 डेबिट कार्ड, सात चेकबुक और फर्जी दस्तावेज बरामद किए गए हैं।पुलिस के मुताबिक, आरोपियों ने लोगों को झांसे में लेने के लिए अपने ठिकाने पर थाने जैसा सेटअप तैयार कर रखा था।

पुलिस की वर्दियां सिलवाकर वे वीडियो कॉल पर खुद को अफसर बताते थे। इसी सेटअप के जरिए वे पीड़ितों को डराते और ब्लैकमेल करते थे।गिरोह पीड़ितों को डिजिटल अरेस्ट में लेने का झांसा देते थे, जिसमें उन्हें वीडियो कॉल के जरिए लगातार निगरानी में रखा जाता था। उन्हें कमरे से बाहर न निकलने की चेतावनी दी जाती थी। डर के कारण लोग किसी से मदद भी नहीं मांग पाते थे और बड़ी रकम गवां बैठते थे।पुलिस ने जांच के दौरान आरोपियों के फर्जी खातों में जमा 10.5 लाख रुपये फ्रीज कर दिए हैं, जिन्हें पीड़िता को लौटाने की प्रक्रिया जारी है। आरोपियों ने फर्जी नाम-पते से बैंक खाते खुलवाए थे। साथ ही,पुलिस अब गिरोह के अन्य सदस्यों और बैंक खाताधारकों की तलाश कर रही है।

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