देर रात पुलिस ने वाहन चैकिंग के दौरान बदमाशों को किया था रोकने का प्रयास
गैंगस्टरों ने की फायरिंग, जबावी हमले में पुलिस ने दोनों के पैर में मारी गोली
12 मई की शाम 6 बजे दिया था घटना को अंजाम, पुलिस टीमों को मिलेगा पुरुस्कार
ललितपुर। उत्तर प्रदेश के जिला ललितपुर में 12 मई 2025 को हुई एक सनसनीखेज लूट की घटना के बाद देर रात पुलिस और बदमाशों के बीच हुई मुठभेड़ में पुलिस को बड़ी कामयाबी हासिल हुई है। इस मुठभेड़ में दो गैंगस्टर, जो एक महिला से सोने का हार छीनकर फरार हुए थे, पुलिस की जवाबी कार्रवाई में घायल हो गए। दोनों बदमाशों को पैर में गोली लगी, जिसके बाद उन्हें उपचार के लिए जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया। इस ऑपरेशन में शामिल पुलिस टीम को 25 हजार रुपये के नकद पुरस्कार से सम्मानित करने की घोषणा की गई है।
घटना का विवरण
यह मामला 12 मई 2025 की शाम करीब 6 बजे का है, जब ललितपुर के कोतवाली क्षेत्र के राजघाट 9 नंबर पुलिया के पास ग्राम जिजयावन निवासी रंजीत सिंह अपनी पत्नी मीना और पत्नी की बहन के साथ मध्य प्रदेश के अशोकनगर जिले के चंदेरी में एक शादी समारोह में शामिल होने जा रहे थे। रंजीत ने पुलिस को दी तहरीर में बताया कि जब वे राजघाट पुलिया के गेट नंबर 1 के पास पहुंचे, तभी पल्सर मोटरसाइकिल पर सवार दो बदमाशों ने उन्हें रोका।
बदमाशों ने रास्ता पूंछने का बहाना बनाया और बातचीत के दौरान मौका देखकर रंजीत की पत्नी के गले से सोने का हार छीन लिया। इसके बाद दोनों बदमाश तेजी से फरार हो गए। रंजीत ने बताया कि बदमाशों की मोटरसाइकिल पर नंबर प्लेट नहीं थी, जिससे उनकी पहचान करना मुश्किल हो गया। लूट की इस घटना के बाद रंजीत ने कोतवाली पुलिस में शिकायत दर्ज कराई, जिसके आधार पर मुकदमा संख्या 586/2025, धारा 318(4) और 303(2) बीएनएस के तहत मामला दर्ज किया गया।
पुलिस की सक्रियता- चार टीमों ने बिछाया जाल
घटना की गंभीरता को देखते हुए पुलिस महकमे ने त्वरित कार्रवाई शुरू की। एडीजी कानपुर जोन, डीआईजी झांसी, और एसपी ललितपुर मोहम्मद मुश्ताक के निर्देशन में अपर पुलिस अधीक्षक (एएसपी) और तेज तर्रार सीओ सदर अजय कुमार के नेतृत्व में चार विशेष टीमें गठित की गईं। इनमें कोतवाली पुलिस, स्वाट टीम, सर्विलांस टीम, और एसओजी (स्पेशल ऑपरेशन ग्रुप) शामिल थीं।
एक सैकड़ा से अधिक खंगाले गये सीसीटीवी
पुलिस ने मामले की जांच के लिए तकनीकी संसाधनों का सहारा लिया और घटनास्थल के आसपास के 100 से अधिक सीसीटीवी कैमरों की फुटेज खंगाली। इन फुटेज के विश्लेषण से पुलिस को बदमाशों के बारे में महत्वपूर्ण सुराग मिले। इसके बाद पुलिस ने बदमाशों की तलाश में जाल बिछाया और वाहन चेकिंग अभियान शुरू किया।
मुठभेड़- बदमाशों ने की फायरिंग, पुलिस ने दिया जवाब
देर रात, पुलिस को सूचना मिली कि वांछित बदमाश मैलार गांव के पास नहर पटरी के रास्ते भागने की फिराक में हैं। पुलिस ने तुरंत क्षेत्र में घेराबंदी की और वाहन चेकिंग शुरू की। इसी दौरान राजघाट डेम कॉलोनी की ओर से आ रहे दो बदमाशों को पुलिस ने रुकने का इशारा किया। लेकिन बदमाशों ने रुकने के बजाय भागने की कोशिश की और पुलिस पर जानलेवा हमला करते हुए फायरिंग शुरू कर दी। पुलिस ने आत्मरक्षा में जवाबी फायरिंग की, जिसमें दोनों बदमाशों के पैर में गोली लगी और वे जमीन पर गिर पड़े। मुठभेड़ के बाद पुलिस ने दोनों को हिरासत में लिया और तलाशी के दौरान उनके पास से लूटा गया सोने का हार, दो 315 बोर के देशी तमंचे, दो जिंदा कारतूस, दो खाली खोखे, और घटना में इस्तेमाल की गई पल्सर मोटरसाइकिल बरामद की।
पकड़े गए बदमाशों की पहचान
पकड़े गए बदमाशों की पहचान लालाराम उर्फ राघवेंद्र (पुत्र भागीरथ, निवासी कल्याणपुरा) और नरेंद्र उर्फ गुप्पी कुशवाहा (पुत्र बारेलाल, निवासी मसौराकलां) के रूप में हुई। दोनों को घायल अवस्था में जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां उनका इलाज चल रहा है।
बदमाशों का कबूलनामा
पूछताछ के दौरान दोनों बदमाशों ने अपना जुर्म कबूल किया। उन्होंने बताया कि 12 मई की शाम वे राजघाट पुलिया के पास मौजूद थे, तभी उन्होंने बाइक सवार दंपत्ति को देखा। रास्ता पूछने के बहाने उन्होंने दंपत्ति को रोका और मौका देखकर महिला के गले से सोने का हार छीन लिया। लूट के बाद पुलिस कार्रवाई के डर से वे लगातार जगह बदलकर छिपते रहे। मुठभेड़ की रात वे लूटे गए माल का बंटवारा करने के लिए जंगल की ओर जा रहे थे, तभी पुलिस ने उन्हें पकड़ लिया।
बदमाशों का आपराधिक इतिहास
पुलिस रिकॉर्ड के अनुसार, लालाराम और नरेंद्र दोनों कुख्यात गैंगस्टर हैं, जिनके खिलाफ कई गंभीर मामले दर्ज हैं। लालाराम के खिलाफ धोखाधड़ी, षड्यंत्र, कूटरचना, शस्त्र अधिनियम, गैंगस्टर एक्ट, और चोरी-छिनौती जैसे आधा दर्जन मामले दर्ज हैं। वहीं, नरेंद्र के खिलाफ भी समान प्रकृति के आधा दर्जन मुकदमे दर्ज हैं। दोनों लंबे समय से पुलिस की रडार पर थे।
पुलिस टीम की भूमिका और पुरस्कार
इस सफल ऑपरेशन में सीओ अजय कुमार के नेतृत्व में प्रभारी निरीक्षक रमेशचंद्र मिश्रा, सर्विलांस सेल के उपनिरीक्षक अरुण पवार, एसओजी टीम, और राजघाट चौकी के उपनिरीक्षक प्रवीन कुमार शामिल थे। एसपी मोहम्मद मुश्ताक ने इस उपलब्धि के लिए पुलिस टीम को 25 हजार रुपये के नकद पुरस्कार से सम्मानित करने की घोषणा की है।
अपराधियों में पुलिस इकबाल की होगी दहशत
ललितपुर पुलिस की इस कार्रवाई ने न केवल लूट की घटना को सुलझाया, बल्कि क्षेत्र में अपराधियों के बीच दहशत भी पैदा की। सीसीटीवी फुटेज, तकनीकी संसाधनों, और पुलिस की त्वरित कार्रवाई ने इस मामले में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। इस घटना से यह भी स्पष्ट होता है कि पुलिस प्रशासन अपराधियों के खिलाफ सख्त रवैया अपनाए हुए है और जनता की सुरक्षा के लिए हरसंभव प्रयास कर रहा है।
अतिरिक्त जानकारी
मुकदमा विवरण- मुकदमा सं. 586/2025, धारा 318(4), 303(2) बीएनएस। बरामद सामान-सोने का हार, दो 315 बोर देशी तमंचे, दो जिंदा कारतूस, दो खाली खोखे, पल्सर मोटरसाइकिल। अस्पताल में भर्ती-दोनों बदमाश जिला अस्पताल में उपचाराधीन। पुरस्कार-पुलिस टीम को 25 हजार रुपये का नकद पुरस्कार। यह घटना ललितपुर पुलिस की सतर्कता और अपराध नियंत्रण के प्रति उनकी प्रतिबद्धता का एक उदाहरण है।
फरार दो शातिर अपराधियों से पुलिस की मुठभेड़ हुई है जिसमें दोनों अपराधी घायल हो गए थे जिन्हें उपचार के लिए तत्काल अस्पताल पहुंचाया गया। आगे की कारवाई की जा रही है।
मोहम्मद मुश्ताक- पुलिस अधीक्षक, ललितपुर