उम्र बढ़ने के साथ-साथ शरीर कमजोर होने लगता है। इसलिए हड्डियों में दर्द जकड़न और मांसपेशियों में अकड़न जैसी परेशानियां शुरू हो जाती हैं। इनकी वजह से रोजमर्रा का जीवन भी प्रभावित होने लगता है। इससे बचने के लिए इस आर्टिकल में हम 10 ऐसी एक्सरसाइज (anti-aging exercises) बताने वाले हैं जो एजिंग से जुड़ी समस्याओं को दूर रखने में मदद करेंगी।
बढ़ती उम्र के साथ शरीर में कई बदलाव आते हैं, जैसे मांसपेशियों का कमजोर होना, हड्डियों की डेंसिटी कम होना, मेटाबॉलिज्म धीमा होना और याददाश्त में कमी आना। लेकिन नियमित एक्सरसाइज (Anti-Ageing Exercises) इन प्रक्रियाओं को धीमा कर सकता है और आपको लंबे समय तक जवान बनाए रख सकता है (fitness routine for aging adults)।
हार्वर्ड हेल्थ की रिपोर्ट के अनुसार, 30 की उम्र के बाद हर साल हार्ट बीट कम होने लगती है और 40 के बाद टेस्टोस्टेरोन हर साल 1% कम होता है। इन बदलावों को कैसे धीमा कर सकते हैं इस बारे में जानने के लिए हमने डॉ. मोहित शर्मा (अमृता हॉस्पिटल, फरीदाबाद के इंटरनल मेडिसिन के सीनियर कंसल्टेंट) और डॉ. अखिलेश यादव (मैक्स हॉस्पिटल, वैशाली के ऑर्थोपेडिक्स और जॉइन्ट रिप्लेसमेंट विभाग के असोशिएट डायरेक्टर) से बात की। उन्होंने हमें कुछ आसान एक्सरसाइज (exercises for senior citizens) बताए, जो आपको फिट और एक्टिव रखेंगी।
एजिंग कम करने के लिए एक्सरसाइज (Exercises to Slow Down Aging)
रेजिस्टेंस ट्रेनिंग- मसल्स की ताकत बढ़ाए
वेट लिफ्टिंग, डंबल या रेजिस्टेंस बैंड्स का इस्तेमाल करने से मांसपेशियां मजबूत होती हैं। यह सबसे अच्छी एंटी-एजिंग एक्सरसाइज है, जो उम्र बढ़ने के लक्षणों को कम करती है।
साइकिलिंग- दिल और हड्डियों को मजबूत बनाए
साइकिलिंग न केवल वजन कम करती है, बल्कि दिल को भी स्वस्थ रखती है। यह ब्लड सर्कुलेशन बेहतर करती है, जिससे ब्लड प्रेशर कंट्रोल रहता है। इससे पेट, जांघ और कमर की चर्बी कम होती है और हड्डियां मजबूत बनती हैं (bone strengthening workouts)। रोजाना 30 मिनट साइकिलिंग करने से मांसपेशियां मजबूत रहती हैं, जिससे एजिंग से जुड़ी समस्याएं कम होती हैं।
हाई इम्पैक्ट मूवमेंट- हड्डियों को मजबूत बनाए
रस्सी कूदना, जंपिंग जैक और स्किपिंग जैसी एक्सरसाइज हड्डियों की डेंसिटी को बढ़ाती हैं। इनसे हार्ट बीट तेज होती है और कैलोरी तेजी से बर्न होती है। हालांकि, जोड़ों पर दबाव पड़ता है, इसलिए इसे धीरे-धीरे शुरू करें।
दिमागी कसरत- याददाश्त बढ़ाए
बढ़ती उम्र के साथ याददाश्त कमजोर होने लगती है। इससे बचने के लिए दिमागी कसरत जरूरी है। बिना कागज-पेन के मैथ्स के सवाल सॉल्व करें, पहेलियां सुलझाएं या नई भाषा सीखें। वॉक करते समय मन ही मन कैलकुलेशन करने से दिमाग की काम करने की क्षमता बढ़ती है।
वॉकिंग- पूरे शरीर को एक्टिव रखे
वॉकिंग एक आसान, लेकिन असरदार एक्सरसाइज है। यह हड्डियों और मांसपेशियों को मजबूत बनाती है। रोजाना 10,000 कदम चलने से दिल की बीमारियां, डायबिटीज और मोटापे का खतरा कम होता है। सुबह-शाम टहलने से मूड भी फ्रेश रहता है।
हाथ-पैर क्रॉस करने वाली एक्सरसाइज- दिमाग को एक्टिवेट करे
इसमें शरीर के एक हिस्से को दूसरे हिस्से के विपरीत दिशा में ले जाया जाता है, जैसे दाएं हाथ से बाएं पैर को छूना। इससे दिमाग के दोनों हिस्सों का तालमेल बेहतर होता है और याददाश्त तेज रहती है।
सीढ़ियां चढ़ना- पूरे निचले शरीर को मजबूत करे
सीढ़ियां चढ़ने से पैरों की सभी मांसपेशियां (क्वाड्रिसेप्स, हैमस्ट्रिंग, ग्लूट्स) एक्टिव होती हैं। यह हड्डियों की डेंसिटी को बढ़ाता है और जोड़ों को मजबूत बनाता है। लिफ्ट की जगह सीढ़ियों का इस्तेमाल करें।
प्लैंक- कोर मसल्स को स्ट्रॉन्ग बनाए
प्लैंक करने से पेट, कमर और पीठ की मांसपेशियां मजबूत होती हैं। यह बॉडी पॉश्चर ठीक करता है और पीठ दर्द से बचाता है। रोजाना 1 मिनट प्लैंक करने से मेटाबॉलिज्म भी बूस्ट होता है।
पंजों के बल खड़े होना- पिंडलियों को मजबूत बनाए
यह एक्सरसाइज पिंडलियों की मांसपेशियों को टोन करती है, जिससे पैरों की ताकत बढ़ती है। इससे पेट की मांसपेशियों पर भी असर पड़ता है और बैलेंस बेहतर होता है।
रिएक्शन ट्रेनिंग- शरीर को चुस्त बनाए
बैडमिंटन, टेनिस, टेबल टेनिस या डांस जैसी एक्टिविटीज से शरीर की रिएक्शन टाइमिंग बढ़ती है। यह दिमाग और शरीर के बीच तालमेल बेहतर करती है और आपको चुस्त-दुरुस्त रखती है