ललितपुर। जिला बार भवन में अधिवक्ताओं ने वरिष्ठ अधिवक्ता मनोहर सिंह ठाकुर व अधिवक्ता अशोक कुमार रिछारिया के संयुक्त उपस्थिति में जनपद ललितपुर का 51वां स्थापना दिवस केक काटकर व 51 गुब्बारे फोड़कर मनाया। वरिष्ठ अधिवक्ता मनोहर सिंह ठाकुर ने बताया कि महाराजा सुम्मेर सिंह की धर्मपत्नी ललिता देवी के नाम पर जनपद का नाम ललितपुर पड़ा। ऐसा मानते हैं कि महाराज सुम्मेर सिंह को तालाब में स्नान करने पर चर्मरोग से मुक्ति मिली और फिर उन्हीं के नाम पर तालाब का नाम सुम्मेरा तालाब पड़ा। अधिवक्ता अशोक कुमार रिछारिया ने बताया कि वर्ष 1974 में ललितपुर एक स्वतंत्र जिले में तब्दील हो गया जो कि बुंदेलखंड क्षेत्र में स्थित एक हृदय के आकार का जिला है। यह जिला पूरी तरह से मध्य प्रदेश से घिरा हुआ है अथवा पूर्वोत्तर दिशा में से उत्तर प्रदेश के झाँसी मंडल से जुड़ा हुआ है।
इस दौरान मनोहर सिंह ठाकुर, अशोक कुमार रिछारिया, देवेन्द्र कुमार जैन, ओमप्रकाश घोष, मुकेश कुमार कटारे, बृजेन्द्र यादव, चन्द्रमोहन संज्ञा, शरदकांत चौबे, महेन्द्र जैन झब्बू, नीरज मोदी, राजेश पाठक, कैलाश बाबूजी, मनसुख बाबूजी, उदय यादव, पुष्पेन्द्र राजपूत, आनन्द चतुर्वेदी, पुष्पेन्द्र सिंह चैहान, रामलखन यादव, रोहित कुशवाहा, शशिकान्त राजपूत, दीपक राजपूत, के.के. शर्मा, पंकज शर्मा, शेरसिंह यादव आदि कई अधिवक्ताओं ने उत्साह के साथ जनपद ललितपुर का स्थापना दिवस मनाया।