बिजली आपूर्ति सुधारने के लिये खर्च होंगे 44.66 करोड़

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अंबेडकरनगर बिजली संसाधनोंं को सुधारने के लिए बिजनेस प्लान 2025-26 के तहत 44 करोड़ 66 लाख रुपये की कार्ययोजना तैयार की है। इसके तहत जर्जर बिजली के तारों को बदलने, नई लाइन डालने और उपकेंद्रों की क्षमता वृद्धि समेत 32 तरह के कार्य कराए जाएंगे।
सात दशक पूर्व जिले में नए बिजलीघर के निर्माण हुए। समय बीतने के साथ ही आबादी बढ़ने से बिजली का उपभोग भी बढ़ा, लेकिन संसाधन बढ़ाने के कार्य न के बराबर हुए। हालांकि, रिवैंप्ड, सौभाग्य योजना, राजीव गांधी विद्युत परियोजना से बिजली संसाधन बेहतर करने की कवायद की गई, लेकिन अभी भी बड़ी संख्या में बिजली के उपकरणोंं को बदलने की जरूरत है। इसी क्रम में पावर कॉरपोरेशन ने बिजनेस प्लान का खाका तैयार कर शासन को भेजा है।कैपेसिटर बैंक का मुख्य काम बिजली प्रणाली में पावर फैक्टर सुधारना और रिएक्टिव पावर को मैनेज करना होता है। इसके अलावा यह वोल्टेज को नियंत्रित करता है और बिजली की आपूर्ति को स्थिर करता है। ऐसे करीब 27 बिजलीघरोंं के पुराने हो चुके कैपेसिटर बैंक को बदलने के लिए विभाग एक करोड़ 60 लाख रुपये खर्च करेगा।बिजलीघरों पर विद्युत नियंत्रण पैनल विद्युत उपकरणों का संग्रह होता है। इससे विद्युत शक्ति का उपयोग करके विभिन्न औद्योगिक उपकरणों के कामकाज को नियंत्रित किया जाता है। करीब 25 बिजलीघरों के कंट्रोल पैनल में खराबी है। 32 लाख 40 हजार रुपये से 25 नए कंट्रोल पैनल लगवाए जाएंगे।वर्ष 2011 की जनगणना के अनुसार जिले की आबादी 18 लाख थी। समय बीतने के साथ ही आबादी में तेजी से इजाफा हुआ। बीते 13 वर्षों मेंं आबादी 23 लाख के पार पहुंचने का अनुमान है। इसके चलते बिजलीघरों का निर्माण होना जरूरी हो गया। इसी को देखते हुए बिजली विभाग ने दो नए बिजलीघरों का निर्माण कराने का प्रस्ताव भी बिजनेस प्लान में शामिल किया है, जिसमें करीब छह करोड़ रुपये खर्च होंगे।छह करोड़ रुपये से ओवरलोड हो चुके 11 केवी उपकेंद्रों की क्षमता वृद्धि का कार्य, 30 लाख रुपये से सीटी, साढ़े पांच लाख से फ्यूज, 32 लाख रुपये से 33 केवी बिजलीघर पर लगे पीसीबी को ठीक कराना, 14 पैनलों की अर्थिंग ठीक कराने समेत अन्य कार्य कराए जाने का प्रस्ताव शासन को भेजा गया है।बिजली संसाधनों को बेहतर करने के कार्य कराए जा रहे हैं। इसके लिए 44 करोड़ रुपये का प्रस्ताव तैयार कर शासन को भेजा जा रहा है। स्वीकृति मिलने के बाद इन कार्यों को कराया जाएगा। -राजकुमार त्रिपाठी, अधीक्षण अभियंता
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