डुमरियागंज सिद्धार्थनगर। तहसील क्षेत्र में गुरुवार को शब ए बारात का त्योहार पूरे अकीदत और जोश खरोश के साथ मनाया गया।
शब ए बारात के मौके पर हल्लौर में शाम होते ही लोग अपने अपने कब्रिस्तान में पहुँचकर कब्र पर फूल डालकर मोमबत्ती अगरबत्ती जलाकर फातिहा पढ़ा और मरने वाले की मगफिरत व परिवार की सलामती के लिए अल्लाह से दुआएं मांगी। हल्लौर जामा मस्जिद, कर्बला स्थित मेहंदी कुआँ, पोखरवा कब्रिस्तान, कुला की बाग व दीगर कब्रिस्तान में विशेष रोशनी व कब्र पर फूलों से सजावट की गई थी। पूरी रात कब्रिस्तान में चाय पानी की व्यवस्था देंखने को मिली। 10 : 30 बजे हल्लौर स्थित जामा मस्जिद में इमाम जुमा मौलाना शाहकार हुसैन ज़ैदी ने 15वीं शब का आमाल कराते हुए लोगों को बताया कि यह हज़ारों रातों से अफजल रात है। इस रात अल्लाह अपने बंदों के बहुत करीब होता है और अल्लाह इस रात बरकतों, रहमतों की बारिश करता है। शब ए बारात में की गई इबादत अल्लाह ज़रूर कबूल करता है। मौलाना ज़ैदी ने आगे कहा कि 15 शाबान की रात इमाम मेंहदी अस के विलादत की तारीख़ है इमाम मेंहदी अस वो इंसान हैं जिसको परवर दिगार ने इस दुनियां से ज़ुल्म व सितम के खात्मे के लिए बचा के रखा है उनकी विलादत आज से 15 सौ साल पहले हुई थी लेकिन अभी वो अल्लाह के मोजिज़े से ज़िंदा है और जब इस दुनियां में आएंगे तो अद्ल व इंसाफ की हुकूमत कायम करेगे और ज़ुल्म सितम को ख़त्म कर देंगे। इसलिए इस शब में और इस रात में हमे ज़्यादा से ज़्यादा अल्लाह की इबादत करनी चाहिए ताकि जल्दी से जल्दी इमाम महदी अस का ज़हूर हो। बाद में मौलाना ने नमाज़ियों को दुआएं पढ़ाई। आमाल के बाद मौलाना शाहकार हुसैन ज़ैदी की सदारत में साहेबुज़्ज़मान हज़रत इमाम महदी (अ.ज.) की विलादत के मौके पर महफ़िल का आयोजन किया गया। जिसमें मुकामी शायरों इमाम मेंहदी आखरूज़ ज़माअलैहिस्सलाम की शान में कलाम व कसीदे पढ़कर खूब वाहवाही बटोरी। ज़ाकिरे अहलेबैत सै०जमाल हैदर करबलाई ने शब ए बारात पर रोशनी डालते इमाम मेहदी अस की फजीहत पर विस्तार से रोशनी डाली। अन्त में मौलाना शाहकार हुसैन ज़ैदी ने कहा कि इस्लाम में शब-ए-बारात की काफी अहमियत हैं, इस्लामिक कैलेंडर के हिसाब से शाबान के महीने की 15वीं तारीख की रात में शब-ए-बारात मनाई जाती है। इस रात इबादत करनी चाहिए और अपने गुनाहों की माफी मांगनी चाहिए। मरने वाले के हक में मगफिरत की दुआ करनी चाहिए। महफ़िल के दौरान इक़्तेदार मेंहदी, आले रजा, खुर्शीद जफर, अफसर मेंहदी, काज़िम मेंहदी, तनवीर हसन, शादाब संजू, अजादार अज्जा, हसन जमाल, नफ़ीस हल्लौरी, शान, मंज़र मास्टर, हैदरे कर्रार, शमशाद, अज़ीम हैदर नौशाद, मोहम्मद असगर, मीसम, लकी, आरज़ू, रौनक, अहसन मेंहदी, अली अब्बास, अलमदार हुसैन, शमशाद अली, सोजफ़, वसी हैदर, जमाल हैदर सहित तमाम लोग मौजूद रहे। इसी क्रम में डुमरियागंज तहसील क्षेत्र के भटगवा, बसडिलिया, डुमरियागंज, जबजव्वा, बेवां मुस्तफा, टिकरिया, औराताल, बघहवा, कादिराबाद, बिथरिया, औसान कुइयां, मछिया सहित मुस्लिम बाहुल्य इलाकों के लोग कब्रिस्तान में जाकर फातिहा पढ़कर अल्लाह से मग़फ़िरत की दुआ की दुआ की। कब्रिस्तान में रोशनी की भरपूर व्यवस्था रही। जिससे लोगो को आने जाने में कोई परेशानी का सामना न करना पड़े। इस रात क्षेत्र की सभी मस्जिदें गुलज़ार रही। पुलिस प्रशासन द्वारा सुरक्षा के बेहतर इंतेज़ाम किया गया था।
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