कृषि विज्ञान केन्द्र में प्राकृतिक खेती विषय पर हुआ प्रशिक्षण

0
29

ललितपुर। कृषि विज्ञान केन्द्र द्वारा केन्द्राध्यक्ष डा.मुकेशचंद के नेतृत्व में 24 ग्रामीण नवयुवाओं के स्वरोजगार हेतु प्राकृतिक खेती विषय पर प्रशिक्षण का सफल आयोजन किया गया। विषय वस्तु विशेषज्ञ डा.दिनेश तिवारी ने बताया कि इस समय प्राकृतिक खेती केन्द्र सरकार और राज्य सरकार की फ्लैगशिप प्रोग्राम है। जिला में प्राकृतिक खेती की आवश्यकता को देखते हुए और प्राकृतिक खेती सही ढंग से बढ़ावा देने के लिए और ग्रामीण युवाओं के स्वरोजगार स्थापना हेतु प्राकृतिक खेती विषय पर प्रशिक्षण आयोजित किया गया। प्रशिक्षण प्रभारी ने प्राकृतिक खेती में प्रयोग होने वाले कृषि निवेश जिसमें बीज शोधन हेतु बीजमृत, मृदा और फसलों में पोषक तत्वों के प्रबंधन हेतु जीवामृत और घनजीवामृत, खरपतवार नियंत्रण हेतु मल्च, कीट नियंत्रण हेतु नीमस्त्र और दशपर्णी अर्क और बीमारियों के नियंत्रण हेतु छांछ से बना प्राकृतिक कवकनाशक और सोठास्त्र के महत्व, बनाने की विधि और कृषि में प्रयोग पर व्याख्यान के साथ ही साथ प्रयोगात्मक रूप से बनवाकर फसल में प्रयोग भी कराया गया। पशु पालन विशेषज्ञ डा.अनुज कुमार ने प्राकृतिक खेती में प्रयोग होने वाले कृषि निवेश के बनाने में देशी गाय की गोबर और मूत्र के उपयोगिता, संरक्षण और इसका प्रयोग के बारे में तकनीकी जानकारी दी गई। बताया कि देशी नस्ल की गाय जैसे गिरी, थारपारकर, केनकथा बुंदेलखंड में उपलब्धता के आधार पर दूध, दही, घी, खाद प्राप्त करने के साथ ही साथ प्राकृतिक खेती में प्रयोग होने वाले उच्च गुणवत्ता वाला कृषि निवेश भी बनाया जा सकता है। केन्द्राध्यक्ष डा.मुकेश चंद ने प्राकृतिक खेती की आवश्यकता, मृदा में ऑर्गेनिक कार्बन, ऑर्गेनिक मैटर, ह्यूमस के बनाने में लाभदायक सूक्ष्म जीवों के महत्व, उत्पाद के प्रमाणीकरण, सरंक्षण, विपणन आदि पर व्याख्यान दिया गया। ग्रामीण बेरोजगार युवा केन्द्र से प्राकृतिक खेती पर स्किल ओरिएंटेड तकनीकी जानकारी प्राप्त करने के उपरान्त एक स्वरोजगार स्थापित करके अपनी आय का माध्यम बनाकर दूसरे कृषक बंधु को भी मूल्य आधार पर गुणवत्तायुक्त कृषि निवेश भी उपलब्ध करा सकते हैं। प्रशिक्षित ग्रामीण युवक दूसरे इच्छुक कृषकों को भी प्राकृतिक खेती के लिए प्रेरित कर सकते हैं। देश में बड़े स्तर पर नैशनल मिशन ऑन नेचुरल फॉर्मिंग भी संचालित किया जा रहा है, इसमें जिला ललितपुर भी शामिल है। आने वाले समय में जनपद में प्राकृतिक खेती योजना के सही ढंग से संचालन में कृषि विज्ञान केन्द्र से प्राकृतिक खेती विषय पर प्रशिक्षण प्राप्त इन ग्रामीण युवाओं की महत्वपूर्ण भूमिका होगी। प्राकृतिक खेती के मास्टर ट्रेनर और चार साल से प्राकृतिक खेती कर रहे प्रगतिशील कृषक रामस्वरूप निरंजन द्वारा जनपद में प्राकृतिक खेती की संभावना पर अपने अनुभव साझा किया गये। प्रशिक्षण में श्रीराम, अरविन्द राजपूत, खेमचन्द्र, राजीव कुमार, दिलीप कुमार इत्यादि ने प्रतिभाग किया।

Also read

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here