जिलाधिकारी डा0 दिनेश चन्द्र ने तहसील मड़ियाहूं के सभागार में राजस्व तथा कृषि अधिकारियों के साथ बैठक किया। जिसमें किसान रजिस्ट्री से होने वाले फायदों के बारे में विस्तार से बताया गया।
उन्होंने कहा कि प्रदेश में किसान रजिस्ट्री का कार्यक्रम चलाया जा रहा है जिसके तहत किसानों को किसान पहचान पत्र जारी किए जाएंगे। यह रजिस्ट्री चार मोड में की जा सकेगी। पहले मोड में किसान स्वयं कर सकता है, दूसरा मोड में कॉमन सर्विस सेंटर द्वारा, तीसरा मोड सहायक द्वारा ,चौथा मोड विभागीय कैंप में शामिल होकर किसान स्वयं को पंजीकृत करवा सकता है।
जिलाधिकारी ने कहा कि शासन के निर्देशानुसार डिजीटल क्राप सर्वे के उपरान्त कृषक रजिस्ट्री करायी जा रही हैं तत्क्रम में आज कृषक रजिस्ट्री कार्यकाशा का आयोजन किया गया। जिसमें विस्तार से कर्मचारियों को जानकारी दी गयी। जिसके माध्यम से प्रत्येक किसान की फार्मर रजिस्ट्री बनायी जाएगी।उन्होने किसानों से अपील किया है कि किसान स्वयं भी फार्मर रजिस्ट्री एप पर आवेदन कर सकते है।
उन्होंने कहा कि पंजीयन कराने से सरकारी योजनाओं में पारदर्शिता आएगी। किसानों को डिजिटल आईडी मिलेगी, जिससे सरकारी योजनाओं का लाभ आसानी से उठाया जा सकता है। फसल बीमा का लाभ रजिस्टर्ड किसान को आसानी से मिलेगा। कृषि ऋण व किसान क्रेडिट कार्ड जैसी सुविधाओं का लाभ भी सरलता से मिलेगा। आधार कार्ड की तरह किसानों का भी स्मार्ट कार्ड बनाया जा रहा है। उन्होंने राजस्व तथा कृषि विभाग के कर्मचारियों को निर्देशित किया कि किसानों को गांव के पंचायत भवन में कैंप लगाकर तकनीकी सहायता उपलब्ध कराएं। एक महीने के अंदर किसान रजिस्ट्री का कार्य पूरा कराने वाले कर्मचारियों को सम्मानित किया जाएगा। उन्होंने यह भी कहा कि हर तहसील में एक दिन वह स्वयं कैंप में उपस्थित रहेंगे। इसके अलावा उन्होंने 70 वर्ष से अधिक के लोगों का आयुष्मान कार्ड बनाने का भी निर्देश दिया। कार्यक्रम में उप कृषि निदेशक हिमांशु पांडे ने योजना के बारे में विस्तार से बताया।
इस अवसर पर उप जिला अधिकारी मड़ियाहूं कुणाल गौरव, एसडीएम न्यायिक योगिता सिंह, तहसीलदार मडियाहू सहित राजस्व तथा कृषि विभाग के कर्मचारी मौजूद रहे।
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