मनी लांड्रिंग मामले में अंकुश जैन व वैभव जैन को मिली हाई कोर्ट से जमानत

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दिल्ली हाई कोर्ट ने मनी लांड्रिंग मामले में आरोपित अंकुश जैन और वैभव जैन को जमानत दे दी है। जस्टिस मनोज कुमार ओहरी की बेंच ने मंगलवार काे दोनों आरोपितों को जमानत देने का आदेश दिया।

इस मामले में राऊज एवेन्यू कोर्ट ने 18 अक्टूबर को दिल्ली सरकार के पूर्व मंत्री सत्येंद्र जैन को जमानत दी थी। सत्येंद्र जैन पर आरोप है कि उन्होंने वर्ष 2009-10 और 2010-11 में फर्जी कंपनियां बनाई। इन कंपनियों में अकिंचन डेवलपर्स प्राइवेट लिमिटेड, इंडो मेटल इम्पेक्स प्राइवेट लिमिटेड, प्रयास इंफो सॉल्यूशंस प्राइवेट लिमिटेड, मंगलायतन प्रोजेक्ट्स प्राइवेट लिमिटेड शामिल हैं। इस मामले में ईडी ने सत्येंद्र जैन के अलावा जिन्हें आरोपित बनाया है उनमें उनकी पत्नी पूनम जैन, अजीत प्रसाद जैन, सुनील कुमार जैन, वैभव जैन, अंकुश जैन, मेसर्स अकिंचन डेवलपर्स प्राईवेट लिमिटेड, मेसर्स प्रयास इंफो सॉल्यूशंस प्राइवेट लिमिटेड, मंगलायतन प्रोजेक्ट्स प्राइवेट लिमिटेड और जेजे आइडियल इस्टेट प्राइवेट लिमिटेड शामिल हैं।

इस मामले में ईडी ने सत्येंद्र जैन को 30 मई 2022 को गिरफ्तार किया था। 27 जुलाई 2022 को ईडी ने सत्येंद्र जैन समेत छह आरोपितों और चार कंपनियों को आरोपित बनाया था। ईडी ने चार्जशीट में जिन्हें आरोपित बनाया उनमें सत्येंद्र जैन, सत्येंद्र जैन की पत्नी पूनम जैन, वैभव जैन, अंकुश जैन, सुनील कुमार जैन, अजित कुमार जैन के अलावा अकिंचन डवलपर्स प्राइवेट लिमिटेड, प्रयास इंफोटेक प्राइवेट लिमिटेड और जेजे आइडियल के नाम शामिल हैं।

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