ग्रामीण बंगाल तक आंदोलन का विस्तार करेंगे जूनियर डॉक्टर

0
26

पश्चिम बंगाल जूनियर डॉक्टर्स फ्रंट (डब्ल्यूबीजेडीएफ) ने कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज में एक महिला चिकित्सक के साथ हुई कथित दुष्कर्म और हत्या की घटना के खिलाफ अपने आंदोलन का दायरा बढ़ाने का निर्णय लिया है। अब यह आंदोलन केवल महानगर, शहरी और जिला मुख्यालयों तक सीमित नहीं रहेगा, बल्कि इसे दूरस्थ ग्रामीण इलाकों तक भी फैलाने की योजना बनाई गई है। आंदोलन के प्रमुख नेता देबाशीष हालदर ने कहा, “हमारा आंदोलन तब तक जारी रहेगा जब तक इस मामले की जांच एक तार्किक निष्कर्ष तक नहीं पहुंच जाती और हमारी सभी मांगें पूरी नहीं हो जातीं।”

इसी बीच, जूनियर डॉक्टरों का एक विरोधी संगठन ‘पश्चिम बंगाल जूनियर डॉक्टर्स एसोसिएशन’ (डब्ल्यूबीजेडीए) भी सामने आया है। इस समूह का गठन मुख्य रूप से उन जूनियर डॉक्टरों द्वारा किया गया है, जिन्हें आरजी कर मेडिकल कॉलेज के कॉलेज परिषद ने “धमकी संस्कृति” के आरोप में हाल ही में निलंबित किया था। इस पर प्रतिक्रिया देते हुए देबाशीष हालदर ने कहा कि यह विचित्र है कि जिन्हें “धमकी संस्कृति” का आरोपित माना गया है, वे राज्य की सत्ताधारी पार्टी के समर्थन से नई संस्था बनाकर बड़ा-बड़ा दावा कर रहे हैं।

हाल ही में, इसी विरोधी समूह से जुड़े एक जूनियर डॉक्टर ने अनिकेत महतो के खिलाफ कानूनी नोटिस भेजा है। अनिकेत महतो, जो आरजी कर मेडिकल कॉलेज से जुड़े जूनियर डॉक्टर और इस आंदोलन के प्रमुख नेता हैं, ने मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के साथ बैठक के दौरान निलंबित डॉक्टरों को “अपराधी” कहकर संबोधित किया था। इसके चलते उन्हें कानूनी नोटिस भेजा गया।

निलंबित डॉक्टरों के इस विरोधी समूह का दावा है कि वे “धमकी संस्कृति” के असली पीड़ित हैं और उनके साथ अन्याय हो रहा है। हालांकि, इस महीने की शुरुआत में कॉलेज परिषद ने उनका निलंबन घोषित किया था, लेकिन हाल ही में कलकत्ता हाई कोर्ट की एकल-पीठ ने इस निर्णय पर रोक लगाई है और कहा है कि इस मुद्दे पर निर्णय केवल राज्य सरकार ले सकती है।

Also read

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here