आर.जी. कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में हो रहे वित्तीय भ्रष्टाचार की जांच के तहत, सीबीआई ने राज्य को जांच के दायरे में आए अधिकारियों की सूची भेजी है। इसमें एनेस्थीसिया विभाग की प्रोफेसर-सह-चिकित्सक सुजाता घोष और एक अन्य चिकित्सक देवाशीष सोम शामिल हैं। सीबीआई ने यह जानकारी एक पत्र के माध्यम से राज्य के स्वास्थ्य सचिव नारायण स्वरूप निगम को दी है। यह पत्र 30 सितंबर को सुप्रीम कोर्ट में हुई सुनवाई के आधार पर भेजा गया है। उस दिन की सुनवाई में यह मुद्दा उठा था कि सीबीआई की जांच के तहत आने वाले कुछ लोग अब भी आर.जी. कर अस्पताल में अपने पदों पर कार्यरत हैं। उनके निलंबन या छुट्टी पर भेजने की मांग सुप्रीम कोर्ट में की गई थी।
राज्य की ओर से सुप्रीम कोर्ट में यह आश्वासन भी दिया गया था कि जैसे ही सीबीआई जांच के तहत आने वाले लोगों की सूची उन्हें मिलेगी, उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। राज्य के वकील ने कहा कि चाहे वे लोग कितने भी प्रभावशाली क्यों न हों, उनके खिलाफ कार्रवाई करने में राज्य को कोई समस्या नहीं होगी। इस दौरान सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश ने भी कहा था कि यदि सीबीआई सूची देती है, तो राज्य को कानून के अनुसार कार्रवाई करनी होगी। 30 सितंबर की सुनवाई के इस हिस्से का भी उल्लेख सीबीआई द्वारा भेजे गए पत्र में किया गया है।
स्वास्थ्य सचिव को भेजे गए पत्र में सीबीआई ने लिखा है कि आर.जी. कर अस्पताल में वित्तीय भ्रष्टाचार के मामले में दो डॉक्टर, सुजाता घोष और देवाशीष सोम, जांच के दायरे में हैं। सीबीआई के अनुसार, विभिन्न सामग्रियों की खरीदारी और हाउस स्टाफ की चयन प्रक्रिया में इन दोनों की सक्रिय भागीदारी पाई गई है। सीबीआई के अधिकारियों द्वारा यह जांच की जा रही है कि इस वित्तीय भ्रष्टाचार में इनकी क्या भूमिका रही। भविष्य में आरजी कर से जुड़े अन्य अधिकारियों के नाम भी सामने आएंगे तो उन्हें भी राज्य को सूचित किया जाएगा।