बिहार स्टार्टअप पॉलिसी के तहत स्टार्टअप सेल, गवर्नमेंट इंजीनियरिग कॉलेज के तत्वावधान में सोमवार को मारवाड़ी कॉलेज में आयोजित स्टार्टअप जागरूकता कार्यक्रम में छात्र-छात्राओं को स्टार्टअप शुरू करने के लिए टिप्स दिए गए। कार्यक्रम का उद्घाटन करते हुए प्रधानाचार्य प्रो. (डा.) संजीव कुमार ने छात्र-छात्राओं का आह्वान करते हुए कहा कि वे नौकरी पाने वाला (जॉब सीकर) नहीं, बल्कि नौकरी देने वाला (जॉब क्रिएटर) बने। प्रो. (डा.) सजल प्रसाद ने विषय प्रवेश करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की सरकार युवाओं को स्थानीय स्तर पर ही स्टार्टअप के लिए प्रेरित कर रही है।
प्रो.(डा.) गुलरेज़ रोशन रहमान, नैक कोऑर्डिनेटर डा. देबाशीष डांगर, एनएसएस कार्यक्रम पदाधिकारी डा. क़सीम अख़्तर ने भी कार्यक्रम को संबोधित किया। स्टार्टअप सेल के इंचार्ज असिस्टेंट प्रोफेसर देवानन्द पटेल ने बताया कि स्टार्टअप के लिए सरकार बिना ब्याज के 10 लाख का फण्ड देती है, जिसे 10 साल बाद लौटाना है। स्टार्टअप शुरू करने के लिए ऑनलाइन आवेदन करना है और चयन उद्योग विभाग, पटना द्वारा किया जाता है।
समन्वयक इंजीनियर मो. माहीन रज़ा ने बिहार स्टार्टअप पॉलिसी, 2022 के बारे में बताया। जिला उद्योग विभाग के प्रोजेक्ट मैनेजर अनिल कुमार रत्न ने पटना में बेकार जूतों की रिसाइक्लिंग करके नया जूता बनाने के सफल स्टार्टअप का उदाहरण देते हुए कहा कि छात्र-छात्राएं यहां भी अपना स्टार्टअप शुरू कर सकते हैं। कार्यक्रम में सेल के इंजीनियरिंग छात्र प्रतिनिधि, अंशुमन कुमार व दर्शिल प्रसाद ने सहयोग किया। कार्यक्रम में असिस्टेंट प्रोफेसर कुमार साकेत, इग्नू समन्वयक डा. अश्विनी कुमार, संतोष कुमार, डा. अनुज कुमार मिश्रा आदि उपस्थित थे।