आरजी कर मामले में सीबीआई के हाथ लगे नए सबूत, पीड़िता से की गई थी पैसों की मांग

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आरजी कर मेडिकल कॉलेज में एक प्रशिक्षु महिला चिकित्सक की हत्या और दुष्कर्म के मामले में अब सीबीआई के हाथ महत्वपूर्ण जानकारी लगी है। केंद्रीय जांच एजेंसी ने खुलासा किया है कि मृतका से 15 लाख रुपये की मांग की जा रही थी, जिसमें से कुछ राशि उसके रिसर्च पेपर को जमा करने की अनुमति और बाकी परीक्षा में पास कराने के लिए मांगी गई थी। मृतका ने इस राशि को देने से इनकार कर दिया था, जिसके बाद उसे पिछले एक साल से लगातार परेशान किया जा रहा था।

जांच में सामने आया है कि इस रकम को न देने के कारण ही उसे अस्पताल में ड्यूटी के दौरान कई तरह से प्रताड़ित किया जा रहा था। मृतका ने अपने दोस्तों और करीबी लोगों को इस बात की जानकारी दी थी कि वह ड्यूटी करने में सहज महसूस नहीं कर रही है। उसने यह भी बताया था कि वह इस मामले को उच्च अधिकारियों तक लिखित रूप में पहुंचाने का विचार कर रही थी।

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‘सामान्य’ दिखाने की कोशिश

सीबीआई सूत्रों के मुताबिक, अस्पताल के कुछ लोगों को इस मामले को “संभालने” का निर्देश दिया गया था। हालांकि, अभी यह स्पष्ट नहीं हो पाया है कि ये लोग कौन थे और किसने आदेश दिया था। मामले की जांच में जुटी सीबीआई की टीम अब तक स्पष्ट सबूत जुटाने में लगी है। एक अधिकारी ने बताया कि इस मामले में गंभीर आरोप सामने आ रहे हैं, लेकिन अदालत में मान्य सबूत जुटाने में कठिनाई हो रही है। घटना की पुनर्रचना में भी कई बार व्यवधान आया है, जिससे पूरी रात क्या हुआ, इसे लेकर स्थिति और जटिल हो गई है।

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घटना की रात के विरोधाभासी बयान

जांच के दौरान यह सामने आया है कि उस रात आरजी कर मेडिकल कॉलेज के इमरजेंसी बिल्डिंग में मौजूद कुछ लोगों के बयान आपस में मेल नहीं खाते। उनके फोन से मिली जानकारी और कुछ वीडियो ने जांचकर्ताओं को काफी मदद दी है। खासकर, मृतका की एक सहपाठी के फोन से रुपये मांगने से जुड़ी चौंकाने वाली जानकारी मिली है।

सीबीआई की जांच से अब तक यह पता चला है कि वारदात की रात का घटनाक्रम इमरजेंसी बिल्डिंग के दूसरे फ्लोर पर स्थित बर्न यूनिट और छठे फ्लोर के जनरल मेडिसिन विभाग के बीच घटित हुआ था। उस रात पीड़िता को बार-बार चौथे से छठे फ्लोर के बीच देखा गया था। खासकर, चौथे फ्लोर का सेमिनार रूम, जहां से मृतका का शव बरामद हुआ, और पांचवें फ्लोर का हड्डी-शल्य विभाग काफी महत्वपूर्ण माने जा रहे हैं।

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कौन-कौन था उस रात अस्पताल में?

सीबीआई के मुताबिक, उस रात चौथे फ्लोर पर काम कर रहे सभी तकनीशियनों और वॉर्ड स्टाफ को देखा गया है। चार रेस्पिरेटरी केयर टेक्नीशियन, 12 वॉर्ड मासियों, सात नर्सिंग स्टाफ और सात इंटर्न व हाउस स्टाफ की मौजूदगी के बारे में जानकारी मिली है। चौथे फ्लोर के सीसीटीवी फुटेज में संदिग्ध साजिशकर्ता सीन में नजर आया है, लेकिन कोई भी उसे सेमिनार रूम में घुसते हुए नहीं देख सका।

सीबीआई अब तक इस निष्कर्ष पर पहुंची है कि उस रात के घटनाक्रम में कई परतें हैं, और घटनास्थल के कई अन्य कमरे भी जांच के दायरे में आ रहे हैं।

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