जिला कारागार में बनने जा रहे मेडिकल कालेज के लिए परिवहन मंत्री दयाशंकर सिंह लंबे समय से मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के यहां लगे हुए थे। ऐसे में परिवहन मंत्री का प्रयास रंग लाया और शासन ने इसे बनाने की मंजूरी दे दी है। कैबिनेट से मुहर लगते ही काम शुरू हो जाएगा।
गौरतलब है कि प्रदेश सरकार के परिवहन मंत्री दयाशंकर सिंह ने विधानसभा चुनाव के वक्त कहा था कि जिले में मेडिकल कालेज की स्थापना उनका सपना है। जिसके बाद से ही वे लगातार प्रयासरत थे। इसकी कवायद शुरू हुई तो पहले मेडिकल कालेज को राजकीय इंटर कालेज तथा जिला पुरुष व महिला अस्पताल को मिलाकर बनाने का प्रस्ताव था लेकिन इसमें कई तरह की अड़चनें आ रही थीं। इसमें राजकीय इंटर कालेज के भवन को तोड़ने के साथ ही इसे नए जगह पर बनाने में भी व्यवधान आ रहा था। इसमें जमीन को लेकर भी पेंच फंस रहा था। इन सभी बिंदुओं पर गहनता से मंथन करने के बाद अब मेडिकल कालेज को कारागार की जमीन पर ही बनाने की सहमति बन गई है। इसी पांच अगस्त को मुख्य सचिव की अध्यक्षता में हुई बैठक में इसे जिला कारागार में ही बनाने का प्रस्ताव लाया गया था।
प्रदेश सरकार के परिवहन मंत्री व नगर विधायक दयाशंकर सिंह ने कहा कि जनपद में मेडिकल कालेज बनाने का सपना जल्द साकार होगा। इसे बनाने को लेकर आ रही सभी अड़चनों को शासन में लग कर दूर कर दिया गया है। मेडिकल कालेज बनाने के लिए कैबिनेट में प्रस्ताव भेजा गया है। जिसे जल्द कराकर इसकी आगे की प्रक्रिया तुरंत प्रारंभ कराई जाएगी। मेडिकल कालेज का कार्य मेरी प्राथमिकता में है और इसे हर हाल में पूरा कराया जाएगा। उन्हाेंने कहा कि मेडिकल कालेज को महान स्वतंत्रता सेनानी चित्तू पांडेय के नाम पर करने का प्रस्ताव रखा गया है और इसे कराया भी जाएगा। उन्होंने कहा कि कैबिनेट के अनुमोदन के बाद जिला कारागार की 12.39 एकड़ की भूमि नि:शुल्क चिकित्सा शिक्षा विभाग को स्थानांतरित कर दी जाएगी। इसके अलावा बाकी इलाज आदि संबंधी कार्य जिला पुरुष व महिला अस्पताल में होगा। इस तरह जिला पुरुष व महिला अस्पताल के साथ ही जिला कारागार की भूमि को मिलाकर कुल रकबा 21.39 एकड़ हो जाएगा जो मेडिकल कालेज के लिए पर्याप्त है। इसमें कारागार की जमीन पर 2.47 एकड़ जमीन स्वतंत्रता सेनानी चित्तू पांडेय के नाम पर ऐतिहासिक महत्व की दृष्टिकोण से अलग रखा गया है जिस पर सुंदरीकरण किया जाएगा।