इस्लामाबाद में ईश निंदा पर फैसले से नाराज सैकड़ों कट्टरपंथियों का सुप्रीम कोर्ट पर धावा

0
102

पाकिस्तान की राजधानी इस्लामाबाद में ईश निंदा के फैसले से नाराज सैकड़ों कट्टरपंथियों की भीड़ ने सुप्रीम कोर्ट पर धावा बोल दिया। इन लोगों ने सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस काजी फैज ईसा की आलोचना की। उन्होंने एक अहमदिया व्यक्ति को राइट टु रिलीजन के तहत ईशनिंदा के आरोपों से बरी कर दिया था। यह घटना सोमवार की है, लेकिन मीडिया पर इसका वीडियो अब सामने आया है।

पाकिस्तान के प्रमुख अखबार डॉन के मुताबिक, सुप्रीम कोर्ट के फैसले के खिलाफ प्रदर्शन का नेतृत्व आलमी मजलिस तहफ्फुज-ए-नबूवत कर रही थी। इसमें उनका साथ जमात-ए-इस्लामी और जमीयत उलेमा-ए-इस्लाम के नेता भी दे रहे थे। वे पाकिस्तान के चीफ जस्टिस का इस्तीफा मांग रहे थे। उनकी यह भी मांग थी कि अदालत अपने फैसले को पलट दे।

अखबार ने कहा है कि हजारों प्रदर्शनकारियों ने सुप्रीम कोर्ट के बाहर सुरक्षा घेरे को तोड़ दिया। वे इमारत के नजदीक पहुंच गए। उन्हें कोर्ट में घुसने से रोकने के लिए पुलिस ने वॉटर कैनन, आंसू गैस और लाठीचार्ज का सहारा लिया। अब प्रदर्शन का नेतृत्व कर रहे संगठन आलमी मजलिस ने सुप्रीम को अपने फैसले की समीक्षा के लिए सात सितंबर तक का वक्त दिया है।

पाकिस्तान के जियो टीवी के मुताबिक इस विवाद की शुरुआत इसी साल 6 फरवरी को सुप्रीम कोर्ट के एक ऐतिहासिक फैसले से हुई थी। सुप्रीम कोर्ट ने अहमदिया समुदाय के मुबारक अहमद सानी को रिहा करने का आदेश दिया था। सानी को लाक जनवरी 2023 में गिरफ्तार किया गया था। सानी पर आरोप था कि उसने 2019 में एक कॉलेज में एफसीर-ए-सगीर बांटा था।

एफसीर-ए-सगीर, अहमदिया समुदाय से जुड़ी एक धार्मिक किताब है। इसमें अहमदिया संप्रदाय के संस्थापक के बेटे मिर्जा बशीर अहमद ने कुरान की व्याख्या अपने हिसाब से की है। सानी को कुरान (प्रिंटिंग एंड रिकॉर्डिंग) (संशोधन) एक्ट, 2021 के तहत गिरफ्तार किया गया था।

Also read

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here