पश्चिम बंगाल के कोलकाता में आजी मेडिकल कालेज में महिला डाक्टर के साथ दुष्कर्म व हत्या की घटना काे लेकर मंगलवार को उत्तर प्रदेश में रेजीडेंट डाक्टरों ने जोरदार प्रदर्शन किया। प्रदेश में पांच हजार से ज्यादा रेजीडेंट डाक्टरों ने प्रदर्शन कर ममता सरकार में महिलाओंा से अत्याचार व
अपराधाें काे लेकर अपनी नाराजगी जतायी।
लखनऊ के किंग जार्ज मेडिकल कालेज के रेजीडेंट डाक्टरों ने मंगलवार की सुबह के वक्त हड़ताल कर दी। इससे मरीजों व उनके परिजनों को खासा दिक्कतों को सामना करना पड़ा है। आवश्यक चिकित्सकीय सेवाओं पर असर ना पड़े, इसके लिए सीनियर डाक्टरों के ऊपर कार्य का दायित्व बढ़ा दिया गया।
किंग जार्ज मेडिकल कालेज की तरह ही लोहिया संस्थान व संजय गांधी पीजीआई में भी कोलकाता केस का खासा असर दिखाया दिया। जहां रेजीडेंट डाक्टरों ने एकत्रित होकर प्रदर्शन किया और कार्य बहिस्कार कर अपनी नाराजगी जतायी। इस दौरान चिकित्सा सेवा अधिकारियों ने उनसे बातचीत कर कार्य पर वापस लौटने की अपील की।
गोरखपुर के बीआरडी मेडिकल कालेज में दूसरे दिन भी रेजीडेंट डाक्टरों का प्रदर्शन जारी रहा। रेजीडेंट डाक्टरों ने सरकार से तत्काल ही डाक्टरों के हित में आवश्यक निर्णय लेने की मांग की। जिससे डाक्टरों की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके। गोरखपुर के रेजीडेंट डाक्टर विशाल ने कहा कि डाक्टर अपने को असुरक्षित मानकर प्रदर्शन कर रहे है। सरकार विश्वास दिलाये कि डाक्टरों की सुरक्षा पुष्ट है।
मंगलवार की सुबह से आगरा के एसएन मेडिकल कालेज में डाक्टरों की हड़ताल का खासा असर देखने को मिला। डाक्टरों ने दो घंटे तक कार्य रोके रखा, इससे मरीज और उनके परिजनों को बेहद कठनाईयों को सामना करना पड़ा। इस अवसर पर सीनियर डाक्टरों की ओर से ओपीडी सेवा को सम्भाला गया।
प्रदेश के विभिन्न जनपदों झांसी, कानपुर, प्रयागराज, वाराणसी इत्यादि के चिकित्सकीय संस्थानों, मेडिकल कालेजों में डाक्टरों ने कार्य रोककर, प्रदर्शन किया है। रेजीडेंट डाक्टरों ने हड़ताल की घोषणा भी है। कोलकाता की घटना पर डाक्टरों में बेहद आक्रोश व्याप्त है। इस दौरान ओपीडी सेवा पूरी तरह से प्रभावित हुई है।