हिमाचल प्रदेश में भारी वर्षा से कई जगह भूस्खलन हुआ है। इससे यातायात व्यवस्था चरमरा गई है। राज्य आपातकालीन परिचालन केंद्र के अनुसार, भूस्खलन से 109 सड़कें बंद हैं। मंडी में 37 शिमला में 29, कुल्लू में 26, कांगड़ा में छह, किन्नौर में चार और लाहौल स्पीति व सिरमौर में दो-दो सड़कें अवरुद्ध हैं। चंडीगढ़-मनाली नेशनल हाइवे नौ मील के पास पहाड़ी से मलबा आने के कारण बंद है। आज तड़के यहां से गुजर रहा एक ट्रक और जीप मलबे की चपेट में आ गए। दोनों वाहनों के चालकों ने भागकर अपनी जान बचाई। एएसपी मंडी सागर चंद्र ने बताया कि नेशनल हाइवे पर से मलबा हटाने का कार्य जारी है।
इस बीच मौसम विज्ञान केंद्र शिमला ने आगामी 24 घंटों के दौरान पांच जिलों चम्बा, मंडी, कुल्लू, शिमला और सिरमौर में बाढ़ आने की आशंका जताते हुए लोगों को सतर्क रहने की सलाह दी है। इसके अलावा राज्य में 14 अगस्त तक खराब मौसम की चेतावनी दी गई है। नौ अगस्त को भारी वर्षा का येलो अलर्ट, 10 व 11 अगस्त को आरेंज अलर्ट और 12,13 व 14 अगस्त को येलो अलर्ट जारी किया गया है। राज्य में हो रही व्यापक वर्षा से नदी-नाले उफान पर हैं। बीती रात शिलारू में 86 मिलीमीटर वर्षा रिकार्ड की गई। बागी में 76, सुंदरनगर में 64, मंडी में 60, गोहर में 57, जोगिन्दरनगर में 54 औऱ पण्डोह में 50 मिलीमीटर वर्षा हुई है।
राज्य आपातकालीन परिचालन केन्द्र के अनुसार मानसून सीजन के दौरान पिछले 42 दिनों में राज्य में 97 घर पूरी तरस ध्वस्त हुए। वहीं 193 घरों को आंशिक तौर पर नुकसान पहुंचा है। इसके अलावा 26 दुकानें व 184 पशुशालाएं भी ध्वस्त हुईं। राज्य में वर्षा जनित हादसों में 174 लोगों की जान गई है और 50 लापता हैं। मानसून सीजन में 787 करोड़ का नुकसान आंका गया है।