बंगाल की सड़कों पर अब कम होगी टोटो की दौड़, दुर्घटनाओं पर लगाम के लिए पहल

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पश्चिम बंगाल की सड़कों पर बेलगाम तरीके से चलने वाले टोटो के कारण हो रही दुर्घटनाएं लगातार चिंता का सबब बनती जा रही हैं। इसलिए अब राज्य परिवहन विभाग इन पर लगाम लगाने की तैयारी में है। बुधवार को विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने इस बारे में जानकारी दी। उन्होंने बताया कि सड़क दुर्घटनाओं को रोकने के लिए पश्चिम बंगाल सरकार टोटो वाहनों की बढ़ती संख्या को नियंत्रित करने की योजना बना रही है। इसके लिए परिवहन विभाग को एक मानक संचालन प्रक्रिया (एसओपी) तैयार करने का निर्देश दिया गया है। मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने पुलिस और परिवहन विभाग के अधिकारियों को इस बारे में स्पष्ट निर्देश दिया है। उन्होंने परिवहन मंत्री स्नेहाशीष चक्रवर्ती से राज्य में टोटो वाहनों की असामान्य वृद्धि पर चर्चा की है। मुख्यमंत्री ने साफ कहा है कि टोटो वाहनों को नियंत्रण में लाने के लिए एक विशेष गाइडलाइन तैयार की जानी चाहिए, लेकिन इससे किसी की रोजगार स्थिति पर असर नहीं पड़ना चाहिए।

मुख्यमंत्री ने इस तीन पहिया वाहन को एक अनुशासन में लाने का प्रस्ताव दिया है।

दरअसल बिना किसी पंजीकरण और ट्रैफिक कानून की बाध्यता के टोटो वाहनों की बढ़ती संख्या प्रशासन के लिए एक बड़ी समस्या बन गई है। सड़कों पर टोटो वाहनों की अधिकता से केवल यातायात जाम ही नहीं बढ़ रहा है, बल्कि दुर्घटनाएं भी बढ़ रही हैं। पहले से ही राज्य और राष्ट्रीय सड़कों पर टोटो वाहनों के संचालन पर प्रतिबंध लगा दिया गया है, लेकिन इससे पूरी तरह से नियंत्रण नहीं हो पाया है। आम लोगों की शिकायत है कि कई स्थानों पर यात्रियों की तुलना में टोटो वाहनों की संख्या अधिक है। इन वाहनों के पास न तो परमिट है, न पंजीकरण और न ही टैक्स। इससे सरकार को कोई आय नहीं होती है, जबकि दुर्घटनाओं की संख्या बढ़ रही है। अब परिवहन विभाग इस तीन पहिया वाहन को नियंत्रण में लाने के लिए एक विशेष गाइडलाइन तैयार करेगा।

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