बिहार विधानमंडल में मानसून सत्र के आखिरी दिन शुक्रवार को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के खिलाफ अमर्यादित टिप्पणी करना राजद के एमएलसी सुनील कुमार सिंह को भारी पड़ गया। इसके चलते एमएलसी सुनील कुमार सिंह की विधान परिषद से सदस्यता रद्द कर दी गई है।
इससे पहले गुरुवार को विधान परिषद की आचार समिति ने उनके खिलाफ रिपोर्ट तैयार कर दी थी और अब आज इसकी घोषणा कर दी गई। समिति ने कहा था कि सुनील कुमार सिंह ने सदन के सदस्य बने रहने की पात्रता खो दी है। समिति ने अपनी 112 पन्नों की रिपोर्ट दी है।
विधानमंडल सत्र के चौथे दिन गुरुवार को राजद विधान परिषद सदस्य सुनील कुमार सिंह ने सदन के अंदर नीतीश कुमार की मिमिक्री की थी। इस दौरान उनके साथ उनकी पार्टी के एक और एमएलसी कारी सोहैब भी साथ थे। ऐसे में दोनों के इस आचरण को अनुचित मानते हुए यह मामला विधान परिषद की आचार समिति के पास भेजा गया था। हालांकि, बाद में कारी सोहैब ने गलती मान ली थी लेकिन सुनील सिंह ने गलती मानने से इंकार कर दिया था।
इसके बाद सुनील सिंह के खिलाफ आचार समिति ने जांच रिपोर्ट तैयार की और उनपर अनुशासनिक कार्रवाई के तहत सदस्यता समाप्त करने की सिफारिश की। समिति का प्रतिवेदन कल ही सदन में रख दिया गया था, जिसपर आज अंतिम मुहर लग गई। राजद ने इस कार्रवाई को अनुचित करार दिया है। खुद की बर्ख़ास्तगी पर प्रतिक्रिया देते हुए सुनील कुमार सिंह ने कहा कि सदस्यता समाप्त होने का पहले से ही मैच फिक्स है। जिस तरह देश में पेपर लीक का तार नालंदा से जुड़ा है, मेरी बर्ख़ास्तगी का भी तार भी नालंदा से जुड़ा है।