मुख्यमंत्री तीर्थ दर्शन योजना के तहत बीपीएल श्रेणी के लाभुक तीर्थयात्रियों को जुलाई में तीर्थ दर्शन कराया जायेगा। इसमें ईसाई धर्मावलंबियों को गोवा, हिन्दू धर्मावलंबियों को द्वारिका-सोमनाथ और मुस्लिम धर्मावलंबियों को अजमेर शरीफ-आगरा-फतेहपुर सिकरी तीर्थ दर्शन कराया जाएगा। गरीब वरिष्ठ नागरिक श्रेणी के 88 लाभुकों को योजना का लाभ मिलेगा।
झारखंड गजट (साधारण) 21 सितम्बर 2016 के अनुसार तीर्थयात्री की उम्र 60 वर्ष से अधिक होनी चाहिए।वह झारखंड राज्य का स्थायी निवासी होना चाहिए। तीर्थयात्री बीपीएल श्रेणी के अन्तर्गत आना चाहिए (करदाता नहीं होना चाहिए) तीर्थयात्री द्वारा पहले इस प्रकार का तीर्थदर्शन योजना का लाभ नहीं लिया गया हो।
मुख्यमंत्री तीर्थ दर्शन योजना के लाभार्थियों (स्वयं, पति,पत्नि एवं परिवार के सदस्यों) के सहयोग के लिए एक पारिवारिक सदस्य सहयात्री के रूप में उनके साथ जा सकते हैं. इस क्रम में अपने सहयात्री का आवेदन, अपने आवेदन के साथ जमा करना होगा।
तीर्थयात्रा शुरू करने के लिए शारीरिक और मानसिक रूप से स्वस्थ होना चाहिए। किसी तरह का संक्रामक रोग (यथा, टीबी, सांस लेने में कठिनाई, हृदय रोग, कुष्ठ रोग आदि) से पीड़ित नहीं होना चाहिए। मूल चिकित्सा प्रमाण-पत्र जिसमें यात्रा प्रमाणपत्र के लिए सर्टिफिकेट होना चाहिए।
आवेदन पत्र में एक फोटो चिपकाया हुआ एवं एक संलग्न होना चाहिए। निवास प्रमाण-पत्र के रूप में आधार कार्ड, ड्राईविंग लाईसेंस, बिजली बिल, मतदाता पहचान पत्र या राज्य सरकार द्वारा मान्यता प्राप्त किसी भी एक प्रमाण पत्र को निवास प्रमाण पत्र के रूप में स्वीकार किया जायेगा। यदि गरीब वरिष्ठ नागरिकगण एक साथ समूह में आवेदन जमा करते है, तो चयन के लिए पूरे समूह के आवेदन को एक आवेदन माना जायेगा।एक समूह में अटेंडेंट सहित अधिकतम सदस्यों की संख्या 25 होगी, इससे अधिक मान्य नहीं होगा।
तीर्थ यात्रियों का चयन संबंधित जिला स्तरीय प्रबंधन समिति द्वारा किया जायेगा। सबसे पहले सभी आवेदन क्रम में बांट लिया जायेगा। तीर्थ यात्रियों का चयन पहले आओ पहले पाओ के आधार पर किया जायेगा। यदि तीर्थ यात्रियों की संख्या निर्धारित अंश से अधिक बढ़ जाती है तो इसके अतिरिक्त एक प्रक्रिया सूची (निर्धारित अंश की 10 प्रतिशत) भी तैयार की जायेगी। राज्य एवं जिला के कुल यात्रियों की संख्या झारखंड पर्यटन विकास निगम द्वारा सूचित किया जायेगा। इस आयोजन में चयनित आवेदनों की कुल संख्या किसी भी तीर्थ यात्रा के लिए निर्धारित न्यूनतम आवश्यकता के कम होने पर झारखंड पर्यटन निगम अपने विवेकाधिकार का प्रयोग करते हुए पैकेज को रद्द भी कर सकता है।