भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी) मद्रास के छात्रों ने शुक्रवार को उसी संस्थान की प्रथम वर्ष की छात्रा फातिमा लतीफ़ को न्याय दिलाने की मांग को लेकर धरना दिया, जो 9 नवंबर को अपने छात्रावास के कमरे में छत के पंखे से लटकी पाई गई थी.
आईआईटी मद्रास के छात्र संगठन ने फातिमा की खुदकुशी की जांच कराए जाने की मांग की है. छात्रों के संगठन ने फातिमा को न्याय दिलाने के लिए एक ऑनलाइन प्लेटफॉर्म तैयार किया है जिसके जरिए प्रदर्शन को अभियान बनाया जा सके.
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छात्रों के संगठन की ओर से फातिमा लतीफ की खुदकुशी के बाद कैंपस में शैक्षणिक उत्पीड़न, धार्मिक, जाति या जातीयता आधारित भेदभाव की संभावनाओं को देखते हुए मानव संसाधन विभाग (एमएचआरडी) और अल्पसंख्यक आयोग से स्वतंत्र जांच की मांग की गई है.
इस बीच मन्थीनैय्या मक्कल काची (एमएमके) नेता एम.एच. जवाहिरुल्लाह ने फ़ातिमा की आत्महत्या में अपराध शाखा अपराध जांच विभाग (CBCID) द्वारा जांच की मांग की है. जवाहरुल्ला ने यहां जारी एक बयान में कहा कि उन्होंने लड़की के पिता से बात की थी, जिन्होंने आरोप लगाया था कि उनकी बेटी एक संकाय सदस्य द्वारा धार्मिक भेदभाव का शिकार थी.
मंगलवार को छात्रा के पिता अब्दुल लतीफ ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस की और IIT अधिकारियों के कथित प्रभाव पर चिंता व्यक्त करते हुए निष्पक्ष जांच की मांग की.
छात्रा फातिमा लतीफ की खुदकुशी पर अभिनेता से नेता बने कमल हासन ने भी कड़ी प्रतिक्रिया वयक्त करते हुए कहा कि सांप्रदायिक विभाजन पर बहस पूरे देश में फैलती जा रहा है और इसका असर हर तरफ दिख रहा है. कैंपस में होने वाली मौतों को इससे नहीं जोड़ा जा सकता और यह (सांप्रदायिक विभाजन) एक त्रासदी है जो देशभर में हो रही है.