क्या होती है वॉइस क्लोनिंग? ठगों ने रचा माया का नया जाल, अपनाएं ये तरीका नहीं होंगे कंगाल

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अवधनामा संवाददाता

ललितपुर। संकट में दोस्त को पैसे की जरूरत होने या परिवार के किसी सदस्य को कथित अपराध से मुक्त कराने के लिए आपके पास पुलिस अधिकारी का फोन आता है और वो आपसे ऑनलाइन रिश्वत की मांग करता है तो समझ जाइये की आप वॉइस क्लोनिंग घोटाले का शिकार हो चुके है।38 फीसदी भारतीय अपने प्रियजनों की असली और क्लोन आवाज के बीच अंतर नहीं कर पाते हैं।हमारे शहर ललितपुर में भी तेजी से वॉइस क्लोनिंग के मामले बड़ रहे हैं,अधिवक्ता संवाद के पुष्पेन्द्र सिंह चौहान कहते है कि आप कल्पना कीजिए कि आपको एक फोन कॉल आया और वो दावा कर रहा है कि आपका बच्चा किसी खतरे में या कानूनी पचड़े में फंस गया है। आवाज में घबराहट है और आपको भी ऐसा महसूस हो रहा है कि आपके परिचित किसी मुश्किल में है,इससे पहले कि आप ज्यादा सोच सकें उससे पहले ही चिकनी-चुपड़ी बात करने वाला ‘अधिकारी’ एक ऐसी स्थिति और विश्वसनीयता पैदा कर देगा कि आपको उसकी हर बात सच लगने लगी और तभी आप ठगी के शिकार हो जाएंगे। जी हां, भारत में एक नया स्कैम काफी लोगों को अपना शिकार बना रहा है जिसका नाम है वॉयस क्लोनिंग स्कैम ये असली वॉयस से इतने मिलते हैं कि इन्हें पहचानना मुश्किल हो सकता है। अधिवक्ता स्वतंत्र व्यास कहते हैं कि एक अध्ययन में दावा किया गया है कि 38 फीसदी भारतीय अपने प्रियजनों की असली और क्लोन आवाज के बीच अंतर नहीं कर पाते हैं। ए आई वॉयस क्लोनिंग बहुत सफाई से आवाज की कॉपी करता है जिससे असली और नकली में फर्क करना मुश्किल हो जाता है।केवल तीन या चार सेकंड के ऑडियो के साथ, वॉयस क्लोनिंग तकनीक किसी की भी आवाज को दोबारा बना सकती है। हैरानी की बात यह है कि 85 प्रतिशत वॉयस मैच वाले क्लोन को असली आवाज जैसा बनाने में ज्यादा किसी तकनीक के इस्तेमाल की जरूरत नहीं पड़ती है। जालसाज पीड़ितों को धोखा देने के लिए ऐसी ही वॉयस क्लोनिंग तकनीक का उपयोग करते हैं। हम ए आई वॉयस क्लोनिंग से धोखाधड़ी से बच सकते हैं इसके लिए अपने स्मार्टफोन पर कॉलर आईडी सुविधा को हमेशा एक्टिव रखें। कॉलर आईडी सुविधा आपको सचेत करेगी कि कौन कॉल कर रहा है और उनका लोकेशन क्या है। इसके अलावा, यह यह भी बताता है कि कॉल किसी टेलीमार्केटर से थी या किसी घोटालेबाज से। अपने फोन नंबर और ईमेल आईडी सहित संवेदनशील जानकारी साझा करने से बचें। आपको अपने स्मार्टफोन पर कॉल-ब्लॉकिंग सुविधा एक्टिव रखनी चाहिए। अधिवक्ता रविंद्र घोष कहते है कि ऐसे कॉल्स के दौरान घबराए नहीं,अगर आपके पास ऐसे कॉल्स आए तो सबसे पहले आपको बिल्कुल भी घबराना नहीं है। ऐसे में आप बड़ी गलती कर सकते है। अगर स्कैमर खुद को आपका परिचित बता रहा है और आपसे पैसे मांग रहा है तो उनसे कुछ पर्सनल सवाल पूछें। जैसे अगर कॉलर आपके पिता का दोस्त बनकर फोन कर रहा है तो उससे कुछ निजी बातें पूछें, जो केवल आपको और आपके पिता के दोस्त को पता हो। जैसे अकंल आप आखिरी बार गर कब आए थे? अकंल पापा के साथ आप मॉर्निंग वॉक आज क्यों नहीं गए? आपकी बेटी की शादी कहां होने वाली है? पापा ने आपको खाने पर कब बुलाया है? अगर किसी परिचित की आवाज में नए नंबर से कॉल आए तो पहले उसे तुरंत काट दें। फिर उस व्यक्ति के असली नंबर पर कॉल कर जानकारी ले।

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