अवधानामा संवाददाता
अयोध्या। लाख प्रयास के बाद भी जिला चिकित्सालय में कमीशन के खेल पर अंकुश नहीं लग पा रहा है। मरीजों को निःशुल्क दवा दिए जाने की व्यवस्था है लेकिन डाक्टर बाहर की कमीशन वाली दवा सरकारी पर्ची के साथ एक छोटी पर्ची पर लिख कर मालामाल हो रहे हैं। यहां दुर्घटना व गंभीर बीमारी से पीड़ित पहुंचने वाले मरीजों को तत्काल दवा उपलब्ध कराने के बजाय परिजनों को दवा लाने के लिए बाहर भेज दिया जाता है। ऐसी स्थिति उन्हें आर्थिक दंश झेलने के लिए विवश होना पड़ रहा है।सरकारी अस्पतालों में नि:शुल्क इलाज के साथ- साथ जांच व दवा उपलब्ध करने का दावा तो किया जाता है, लेकिन इसकी जमीनी हकीकत कुछ अलग ही है। यही नहीं कम दाम पर बेहतर दवा उपलब्ध कराने के लिए स्थापित जनऔषधि केंद्र भी कमीशन के आगे बेकार साबित हो रहा है। मरीज जब एक रुपये की पर्ची लेकर चिकित्सक के पास जाते हैं तो चिकित्सक उस पर कुछ जांच बाहर से कराने को कहते हैं और बाहर मेडिकल स्टोरों पर मिलने वाली कमीशन की दवाओं के लिए एक छोटी पर्ची जरूर लिखते हैं। सबसे बड़ी बात तो यह है कि शिकायत के बाद भी स्वास्थ्य महकमा कार्रवाई व सख्त कदम उठाने का आश्वासन लोगों देकर अपना पल्ला झाड़ लेता है। आपको बता दें कि मेडिकल वार्ड में भर्ती 20 नंबर बेड पर मरीज उर्मिला एनीमिया से पीड़ित है जिसे डॉक्टर विनोद कुमार सिंह ने देखा और उन्हें एक पर्ची बाहर से दवा लाने के लिए लिख दिया ।
वहीं जिला चिकित्सालय के सीएमएस डॉ अरुण प्रकाश श्रीवास्तव कहते हैं कि जब तक मरीज के द्वारा लिखित शिकायत नहीं मिलेगी तब तक हम कोई कार्यवाही नहीं कर सकते हैं ।