उर्स के झूले नहीं हैं सुरक्षित, घट सकती है बड़ी घटना

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अवधनामा संवाददाता

आपदा विशेषज्ञ के निरीक्षण में उजागर हुयीं खामियां
मानकों को दरकिनार कर निर्धारित क्षमता से अधिक झूलों में ढ़ोई जा रहीं थीं सवारियां

ललितपुर। जिलाधिकारी अक्षय त्रिपाठी के निर्देश के क्रम में जिला आपदा विशेषज्ञ आरती सिंह ने हजरत बाबा सदनशाह की दरगाह पर चल सालाना उर्स में लगे झूलों व दुकानों का बारीकी से निरीक्षण किया, जिसमें खामियां ही खामियां नजर आयीं। निरीक्षण के दौरान झूलों में निर्धारित क्षमता से अधिक सवारियां ढ़ोई जा रहीं थीं, जबकि जिस झूले में 48 लोगों की बैठने की क्षमता है, उनमें 96 लोग बैठकर झूला झूल रहे थे। झूला संचालन से उन्होंने झूले की पिछली रिपेयरिंग का प्रमाण पत्र मांगा तो संचालक नहीं दे पाये। उन्होंने पाया कि मौके पर यदि किसी कारणवश किसी को कोई चोट इत्यादि लग जाती है तो झूला संचालक के पास फस्टेड बॉक्स भी उपलब्ध नहीं था। फायर सर्विस की व्यवस्था भी ठीक पायी गयी। ऐसे में झूला संचालक द्वारा लोगों की जान से खिलबाड़ किया जा रहा है। उन्होंने मौके पर पाया कि उर्स में आने वाली अनियंत्रित भीड़ के बीच झूलों को संचालित करने के लिए पर्याप्त स्थान भी नहीं है। उन्होंने पाया कि निर्धारित स्थान पर झूलों की संख्या अधिक है, जिससे आने वाले लोगों की जानमाल को खतरा हो सकता है। जिला आपदा विशेषज्ञ आरती सिंह झूला संचालक को उनके द्वारा बरती जा रहीं खामियां बताते हुये तत्काल दुरूस्त कराने के निर्देश दिये। उन्होंने जिलाधिकारी को आख्या सौंप दी है।

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