इस्लामाबाद। पाकिस्तान में रावलपिंडी के पूर्व कमिश्नर लियाकत अली चट्टा की चुनाव में धांधली की स्वीकारोक्ति और उसके बाद इस्तीफे से उठा तूफान थमने का नाम नहीं ले रहा है।
डॉन के अनुसार चट्टा ने खुद को पुलिस के हवाले करते हुए अपने खिलाफ चुनाव में गड़बड़ी का मुकदमा चलाने की मांग की है लेकिन पुलिस ने उन्हें गिरफ्तार नहीं किया है और पुलिस उन्हें हिरासत में लिए हुए है।
इस बीच चुनाव आयोग ने मामले की जांच के लिए उच्चस्तरीय समिति गठित कर दी है। जबकि इमरान खान की पार्टी- पाकिस्तान तहरीक ए इंसाफ (पीटीआई) ने चट्टा के बयान के आधार पर तथ्यों की न्यायिक जांच कराने की मांग की है।
एएनआई के अनुसार रावलपिंडी क्षेत्र के शीर्ष पुलिस अधिकारी सैयद खुर्रम अली के अचानक छुट्टी लेकर परिवार सहित ब्रिटेन जाने की सूचना है। इस बीच पाकिस्तान में आठ फरवरी के मतदान में भारी गड़बड़ी होने के विरोध में प्रदर्शन जारी हैं।
पीटीआई और कई अन्य दल चुनाव में धांधली के विरोध में राष्ट्रव्यापी प्रदर्शन कर रहे हैं। तीन जीते हुए विधायकों और रावलपिंडी के कमिश्नर रहे चट्टा ने चुनाव में धांधली की पुष्टि की है।
चट्टा ने आगे बढ़कर पाकिस्तान के मुख्य चुनाव आयुक्त और सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश को साजिश में शामिल बताया है। चट्टा ने कहा है कि रावलपिंडी इलाके के 13 प्रत्याशियों को जबरन जीता हुआ घोषित किया गया। ये प्रत्याशी नेशनल असेंबली और प्रांतीय विधानसभा के थे।
कार्यवाहक सरकार ने सैफ अनवर जप्पा को रावलपिंडी का नया कमिश्नर नियुक्त किया है। उन्होंने कार्यभार संभालते ही पूर्वाधिकारी के चुनाव में धांधली के बयान को खारिज कर दिया।