नई दिल्ली: कौशल विकास और उद्यमशीलता मंत्रालय, इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय और जल शक्ति मंत्रालय के माननीय राज्यमंत्री श्री राजीव चंद्रशेखर ने कुशल जनशक्ति के साथ बढ़ते लॉजिस्टिक्स सेक्टर को मजबूत करने के विज़न के साथ, संकल्प कार्यक्रम के अन्तर्गत पश्चिम बंगाल के मेदिनीपुर जिले में कार्यान्वित एक प्रोजेक्ट के पहले बैच के 11 उम्मीदवारों को सम्मानित किया। प्रोजेक्ट का कार्यान्वयन भागीदार, लॉजिस्टिक्स सेक्टर स्किल काउंसिल (एलएससी), एक वर्ष के भीतर 960 उम्मीदवारों को वेयरहाउस मैनेजर, वेयरहाउस सुपरवाइजर और वेयरहाउस एसोसिएट जैसी नौकरी की भूमिकाओं में प्रशिक्षित करेगा, जिसमें सर्टिफिकेशन के बाद क्षेत्र के भीतर और उससे आगे प्लेसमेंट के अवसर होंगे।
पश्चिम बंगाल भारत में एक प्रमुख मानव संसाधन हब है, यहराज्य भारत में चौथा सबसे अधिक आबादी वाला और दूसरा सबसे घनी आबादी वाला क्षेत्र है। इसमें शेष भारत के लिए प्रशिक्षित और गुणवत्तापूर्ण जनशक्ति का स्रोत बनने की क्षमता है। पश्चिम मेदिनीपुर जैसे संगठित रोजगार वृद्धि की महत्वपूर्ण गुंजाइश और कम व्यावसायिक प्रशिक्षण घनत्व वाले जिलों को बी2सी के साथ-साथ बी2बी व्यावसायिक प्रशिक्षण क्षेत्र में काम करने वाले निजी व्यावसायिक प्रशिक्षण प्रदाताओं द्वारा लक्षित किया जा रहा है।
इस अवसर पर कौशल विकास और उद्यमशीलता मंत्रालय, इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय और जल शक्ति मंत्रालय के माननीय राज्यमंत्री श्री राजीव चंद्रशेखर ने कहा कि, “मैं आज सभी छात्रों को बधाई देना चाहता हूं, यह हमारे लिए उत्सव का क्षण है। आजादी के बाद यह पहली बार है कि जब नौकरियों और उद्यमिता की बात होती है तो युवा भारतीयों को इतने अभूतपूर्व अवसर मिले हैं। माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी के नेतृत्व में, हमने एक मॉडल बनाया है जिसमें जन प्रतिनिधियों, सरकार और उद्योग के बीच एक मजबूत साझेदारी शामिल है। यह पिछले 10 वर्षों में ऐसे प्रयासों के कारण है कि हम “आज का भारत” और “नया भारत” बनाने के लिए युवा भारतीयों को स्किल, रीस्किल और अपस्किल करने में सक्षम हुए हैं।
कौशल विकास और उद्यमशीलता मंत्रालय कौशल प्रशिक्षण पूरा होने के बाद उद्योग भागीदारी के माध्यम से उम्मीदवारों के लिए बेहतर परिणाम देने पर ध्यान केंद्रित कर रहा है। इस तरह के प्रोजक्ट न केवल बेहतर कौशल प्रशिक्षण प्रदान करते हैं, बल्कि 70% – 75% के करीब प्लेसमेंट दर प्रदान करने का भी लक्ष्य रखते हैं। ये प्लेसमेंट लाभार्थियों के लिए स्थायी आजीविका को बढ़ावा देने के लिए राज्य के भीतर और भारत के अन्य हिस्सों में हो रहे हैं।