गुप्तकालीन धरोहरों के स्वर्णिम युग को संयोए है देवगढ़ पर्यटन स्थल : रविन्द्र दिवाकर

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अवधनामा संवाददाता

ललितपुर। गुप्तकाल के स्वर्णिम युग की धरोहरों को संजोए विश्व प्रसिद्ध पर्यटन स्थल देवगढ़ में आज बुंदेलखंड महोत्सव के अंतर्गत विविध कार्यक्रमों का आयोजन हुआ। इस अवसर पर विद्यार्थियों को मंदिरों और मूर्तियों के दर्शन कराए गए। उपस्थित पुरातत्ववेत्ताओं ने देवगढ़ के इतिहास पर प्रकाश डालते हुए बताया की प्राचीन काल में देवगढ़ बहुत बड़ा विकसित नगर और व्यापारिक केंद्र था। वहीं इसे मूर्तिकला का प्रसिद्ध केंद्र भी बताया गया। पर्यटन विभाग द्वारा बुंदेलखंड महोत्सव कार्यक्रम के अंतर्गत आज देवगढ़ में विभिन्न कार्यक्रमों का आयोजन किया गया। इन आयोजनों में विद्यार्थियों को मंदिरों और मूर्तियों के दर्शन करवाए गए। इस कार्यक्रम में पुरातत्वविदों के साथ-साथ पर्यटन के जानकारों ने अपने विचार साझा किये। ललितपुर के पर्यटन पुरुष रविंद्र दिवाकर ने देवगढ़ के पुरातन इतिहास पर प्रकाश डालते हुए बताया कि प्राचीन काल में देवगढ़ एक विकसित नगर रहा होगा जिसकी राजधानी चांदपुर को बताया। उन्होंने बताया कि चंदेलकालीन राजा ने जैन परिवार में शादी कर इसे विभिन्न धार्मिक संस्कृतियों का केंद्र बताया। यहां नजदीक स्थित चांदपुर जहाजपुर को एक व्यापारिक केंद्र के साथ-साथ चूड़ी का अंतर्राष्ट्रीय केंद्र भी बताया। उन्होंने बताया कि यहां मूर्ति कला के लिए विश्व के विभिन्न देशों के कलाकार मूर्ति कला का कार्य करते रहे। यहां हिन्दू मंदिरों मूर्तियों में शैव, वैष्णव और बौद्धकालीन मूर्तियों के अलावा आदिमानव की गुफाएं भी स्थित हैं। मूर्तियों की कला की प्रशंसा करते हुए उन्होंने बताया कि प्रत्येक मूर्ति में केश विन्यास से लेकर मूर्ति के अंग अंग में जीवंतता प्रदान की गई है। उन्होंने दशावतार मंदिर के इतिहास पर भी उल्लेखनीय प्रकाश डाला। नमामि गंगे अपर जिलाधिकारी लवकुश त्रिपाठी ने इस क्षेत्र को प्रदूषण मुक्त क्षेत्र बताते हुए कहा कि हम सब का सौभाग्य है कि विश्व की महान धरोहर के साथ-साथ हम आज यहां पर शुद्ध हवा और पानी को प्राप्त करते हैं यह हमारे बहुत बड़ी उपलब्धि है। इस पर्यावरण को सुरक्षित और संरक्षित करना हमारा दायित्व बनाया जाना चाहिए। दिगंबर जैन पंचायत के पूर्व अध्यक्ष अनिल जैन, प्रदेश चेयरमेन उद्योग व्यापार मण्डल महेंद्र जैन मयूर ने भी अपने विचार व्यक्त किये। इसके पश्चात विद्यार्थियों को ऐतिहासिक और पुरातात्विक स्थलों के इतिहास के बारे में जानकारी दी गई। इस अवसर पर डा.एसपी पाठक, राजेश लिटोरिया, संजय अवस्थी, राकेश शुक्ला, सुरेश प्रकाश कौन्तेय भी उपस्थित रहे। आगामी 4 फरवरी को आयोजित होने वाले कवि सम्मेलन के बारे में भी लोगों से उपस्थित रहने की अपील की गई।

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