काशी के काष्ठ कला को पसंद कर रहे हैं तमिल मेहमान

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राम दरबार की सबसे अधिक डिमांड
काशी और तमिल के बीच बढ़ रहा कारोबार

बनारस।  बनारस में चल रहे काशी तमिल संगमम के आयोजन में तमिल मेहमान काशी की काष्ठ कला को काफी पसंद कर रहे हैं। नमो घाट पर आयोजित कार्यक्रम में वैसे तो कई ऐसे स्टॉल हैं जहां तमिल मेहमान काफी दिलचस्पी दिखा रहे हैं। लेकिन काष्ठ कला के स्टाल पर उनका विशेष आकर्षण बना हुआ है। इस स्टॉल पर मिल रहे आर्डर से जहां दुकानदार काफी खुश हैं वहीं तमिल मेहमानों के बीच यहां की काष्ठ कला कौतुहल भी पैदा कर रही है।

अब तक स्टॉल लगाए कारीगरों को लगभग 200 पीस के आर्डर आ चुके हैं। भगवान राम पर आधारित अलग-अलग लीला एवं तमिल एवं काशी पर आधारित कलाकृतियों का डिमांड तमिल मेहमानों द्वारा किया जा रहा हैं। काशी में तमिलनाडु के मेहमानों के साथ ही वहां के व्यापारी और स्टार्टअप के उद्यमी भी पहुंचे हुए हैं। यहां वे अपने उत्पदों को लोगों के बीच बेच रहे हैं।‌ वहीं काशी के काष्ठ कला पर आधारित तीन दुकान लगाई गई है। जहां भगवान के विभिन्न स्वरूपों एवं अलग अलग मंदिरों का डिजाइन रखा गया हैं। जो काशीवासियों एवं तमिल मेहमानों को खूब पसंद आ रहा हैं। यहां पर राम मंदिर से लेकर भगवान राम की अलग-अलग झांकियों और लीलाओं की काष्ठ की मूर्तियां तैयार करके बेची जा रही हैं।

काष्ठ कला के शिल्पी ओम प्रकाश शर्मा ने बताया कि काष्ठ कला काशी का बहुत पुराना आर्ट है। यह कला एकदम लुप्त होने के कगार पर थी। हम सभी आज तमिल संगमम में आए हुए हैं। यहां पर हमारी कला को लोग देख रहे हैं। यहां पर इसका काफी प्रचार- प्रसार भी हो रहा है। लोग इसकी सराहना भी कर रहे हैं। उन्होंने बताया कि हमारे दुकान में 100 से अधिक प्रकार के अलग अलग काष्ठ कलाकृति हैं‌। उन्होंने बताया कि सबसे ज्यादा मांग इस समय राम पर आधारित लीलाओं के बहुत सारे ऑर्डर मिल रहे हैं, जो कि हमारी ये कला जितनी लुप्त हो गई थी, अब वह काफी पसंद किया जा रहा है।

काशी तमिल संगमम आयोजन के माध्यम से बरसों पुरानी दो संस्कृतियों को एक किए जाने का काम हो रहा है। साल 2022 के नवंबर और दिसंबर माह में भी काशी तमिल संगमम का आयोजन किया गया था। इस साल काशी तमिल संगमम का यह दूसरा आयोजन है जो गत वर्ष की भांति काशीवासियों और तमिलवासियों के बीच एक नए संबंद्ध को आयाम दे रहा है। जहां काशीवासी तमिल मेहमानों के आने से काफी खुश नजर आ रहे हैं वहीं तमिलवासी यहां की संस्कृति, कला और अध्यात्म को देखकर प्रफुल्लित हैं। इस आयोजन में केवल बनारस ही नहीं बल्कि आसपास के शहरों से भी बड़ी संख्या में लोग आ रहे हैं और काशी तमिल संगमम में लगे स्टॉलों के सामान की खरीददारी कर रहे हैं।

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