हाईकोर्ट के आदेश का मखौल उड़ाकर प्रतिनिधि ले रहे प्रशिक्षण महिला प्रधान घरों में कैद

0
242

अवधनामा संवाददाता

दो दिनों की उपस्थिति पहले दिन दिखाकर करवाये गये हस्ताक्षर

हमीरपुर। महिला सशक्तिकरण का दम भरने वाली सरकार में महिला जनप्रतिनिधि किस तरह से अभी भी घूंघट की ओट में घरों में कैद है। इसका नमूना राष्ट्रीय ग्राम स्वराज अभियान के अंतर्गत पीआरआई, एसएचजी कन्वर्जेंस के सुमेरपुर ब्लाक सभागार मे चल रहे दो दिवसीय प्रशिक्षण में स्पष्ट नजर आया। इस प्रशिक्षण में महिला प्रधानों की जगह उनके पति प्रशिक्षण लेते नजर आए। इतना ही नहीं दो दिवसीय प्रशिक्षण में प्रथम दिन ही दोनों दिनों के हस्ताक्षर भी करा लिए गए। इससे यह साबित होता है कि यह प्रशिक्षण महज खानापूर्ति तक सिमटा हुआ है।
विगत दिनों उच्च न्यायालय ने कहा था कि महिला प्रधानों की जगह उनके पति कार्य नहीं करेंगे। लेकिन इसका असर यहां नहीं है। जिला पंचायत रिसोर्स सेंटर महोबा ग्राम प्रधानों को पीआरआई, एसएचजी कन्वर्जेंस का दो दिवसीय प्रशिक्षण करा रहा है। इस प्रशिक्षण में दूसरे बैच के प्रथम दिन 29 ग्राम प्रधानों के सापेक्ष 19 तथा 29 स्वयं सहायता समूह की महिलाओं के सापेक्ष 20 शामिल हुई। रजिस्ट्रेशन के दौरान प्रशिक्षण में शामिल ग्राम प्रधान एवं स्वयं सहायता समूह की महिलाओं से रजिस्ट्रेशन सीट पर दोनों दिन के हस्ताक्षर करा लिए गए। कमाल की बात यह है कि ग्राम प्रधानों में शामिल ज्यादातर महिला प्रधानों के स्थान पर उनके पति या प्रतिनिधि प्रशिक्षण में शामिल हुए। इस संबंध में जब प्रशिक्षण की वरिष्ठ फैकल्टी प्रबंधक प्राची गुप्ता से सवाल किया गया तो वह चुप्पी साध गई। प्रशिक्षण के प्रथम दिन दोनों दिनों के हस्ताक्षर क्यों कराए गए। इस पर भी वह चुप रही। इससे साबित होता है कि प्रशिक्षण के नाम पर महज खानापूर्ति हो रही है और साथ ही महिला सशक्तिकरण का माखौल उड़ाया जा रहा है। एडीओ पंचायत ने कहा कि उन्हें सिर्फ व्यवस्था करने के निर्देश दिए गए है। जिसका वह पालन कर रहे है।

Also read

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here