अवधनामा संवाददाता
डोंगे में गन्ना डालकर मुख्य अतिथियों की शुरुआत
कुशीनगर। रामकोला नगर में स्थित त्रिवेणी ग्रुप की चीनी मिल में बृहस्पतिवार को पेराई सत्र की शुरुआत की गई। इससे पूर्व विधिवत पूजन-अर्चन किया गया। जिसके बाद इलाके के किसानों की उपस्थिति में कुशीनगर सांसद विजय दुबे के साथ खड्डा विधायक विवेकानंद पाण्डेय व अन्य भाजपा नेताओं ने मिल के डोंगे में गन्ना डाल पेराई की शुरुआत की। पहली किसान के ट्रेलर तौल पर ड्राइवर को सम्मानित भी किया गया। संसद ने विपक्ष की सरकारों को किसानों का पेमेंट लटकाने वाली बताया। पिछले साल बन्द हुई कप्तानगंज चीनी मिल के बकायों पर दी सफाई।
बता दें कि इस वर्ष जिले में किसानों के खेतों में गन्ने की फसल काफी अच्छी हुई है। लेकिन इस समय सिर्फ चार संचालित चीनी मिल में कोई अभी शुरू नही हुई। जिससे किसान खेतो को खाली करने के लिए क्रेशर पर औने पौने दाम देकर गिराने को विवश थे। वही गुरुवार को रामकोला चीनी मिल के पेराई शुरू होने से इलाके के किसानों को काफी राहत मिली। चीनी मिल के पेराई सत्र का शुभारंभ करने पहुंचे सांसद विजय दुबे ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि आज जिले का पहला चीनी मिल का शुभारंभ हुआ है। इस बार गन्ना किसानों की फसल बेहतर हुई। मिल ने जल्द पेराई शुरू की है जिससे किसानों को लाभ होगा। पूर्वर्ती सरकारों में गन्ना किसान परेशान रहते थे। एक साल की पेमेंट तीन साल लटक जाती थी पर हमारे मुख्यमंत्री योगी के निर्देशानुसार सभी मील समय से पेमेंट कर रही हैं। पिछला भुगतान कर ही नई चल रही है। सिर्फ कप्तानगंज चीनी मिल लड़खड़ा गई उसे भी शत प्रतिशत किसानों का मूल्य भुगतान करने की कोशिश की जा रही।
बोले केन मैनेजर
त्रिवेणी चीनी मिल रामकोला के केन मैनेजर सतीश बाल्यान ने बताया कि इस बार उत्तर प्रदेश सरकार और चीनी मिल ने मिलकर व्यवस्था बनाई है। जिसमे 42 सेंटर में 32 ऑपरेट हो चुके है पहले दिन 18 सेन्टर पर तौल होगी। वही समानुपातिक साप्ताहिक कलम व्यवस्था की गई है जिसके आधार पर सभी गेट व सेंटर बिना भेदभाव के एक सामान चलेंगे। किसी की भी पर्ची का मोड़ मिल से नही होगा सभी को अपनी समिति से ही करना होगा। इसलिए सभी पर्ची के अनुसार ही गन्ना लेकर आए है।
मात्र चार चीनी मिले ही संचालित है
आपको बता दे कि गन्ना बाहुल्य इलाका होने के कारण कुशीनगर जिले में कभी 9 चीनी मिले हुआ करती थी। जिसके कारण इसे चीनी का कटोरा कहा जाता था। लेकिन 9 में 4 पहले ही बंद हो गई। वही पिछले सत्र में किसानों का करोड़ों रूपये बकाए के साथ कप्तानगंज की कनोडीया सुगर मिल पर भी ताला लग गया। इसलिए जिले में चल रही चीनी मिल पर जिम्मेदारी काफी बड़ी है। इस बार पेराई शुरू कर चीनी मिल ने किसानों को राहत दी।