धनतेरस व दिपावली को लेकर दुकानें सजधज कर तैयार, झालरों से पटी बाजार

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अवधनामा संवाददाता

कुशीनगर। धनतेरस व प्रकाश पर्व दीपावली को लेकर बाजार सज गए हैं। दुकानों की सजावट पुरी हो गई है तो घरों की साफ-सफाई भी तेजी से हो रही है। दुकानों में रंग रोगन से साज-सज्जा पूरी तरह बदल गई है। सबसे अधिक सजावट सोने-चांदी की दुकानों से लेकर मिट्टी की दीप और बिजली के इलेक्ट्रानिक सामान बेचने वाले दुकानों की है, जहां अंदर से लेकर बाहर तक सजा कर रखी गई झालरों की जगमगाहाट अंधेरा होने पर देखते बन रहा है।

प्रक्रिया पूरी कर चुके हैं पटाखा बेचने वाले दुकानदार

पटाखों की दुकान लगाने वाले दुकानदार लाइसेंस के लिए फायर सर्विस से लेकर संबंधित थानों से कागजी खानापूर्ति कर चुके हैं। नगर समेत ग्रामीण इलाकों के विभिन्न चौराहों जैसे सेवरही, तमकुहीराज, सलेमगढ़, तरयासुजान, तिनफेड़िया, डिबनी समेत हजारों की संख्या में पटाखा की दुकान लग कर तैयार है। हालांकि पडरौना नगर में उदित नारायण स्नाकोत्तर महाविद्यालय के खेल मैदान में, कसया में प्राथमिक विद्यालय तथा हाटा में गांधी इंटर कालेज परिसर में बाजार लगती है।

स्वदेशी झालरों का बढ़ा दायरा

पडरौना नगर समेत सभी प्रमुख बाजारों में इलेक्ट्रानिक दुकानों पर सर्वाधिक बिकने वाले चाइनिज झालर बाजार में काफी कम दिख रही है। दुकानें स्वदेशी झालरों से पटा है। जिनकी कीमत 60 रुपये से लेकर 350 रुपये के बीच है। तो विदेशी झालरों का कहीं पिछले साल का स्टाक दिख रहा है। दूसरी ओर अच्छी क्वालिटी के पेंट का मूल्य भी आसमान छू रहा है। फिर भी लोग घर सजाने में जुटे हैं।

मिट्टी की दीपों की मांग

बाजारों में सजाकर रखे गए मिट्टी के दीप 80 से 90 रुपये की दर से सैकड़े में बेची जा रही है, तो अन्य सामान 20 रुपये लेकर 50 रुपये के बीच प्रति अदद बेचा जा रहा है। छोटे व बड़े दीप के दर में फर्क है। बड़े सौ रुपये से एक सौ तीस रुपये सैकड़े के भाव से बिक रहे हैं।

सोने-चांदी व बर्तनों की दुकानें भी सजी

पडरौना नगर में गणेश व लक्ष्मी की प्रतिमा की दुकानें सजी हुई है, ज्वेलरी की दुकानों पर सर्वाधिक चांदी के सिक्के व गणेश व लक्ष्मीजी की प्रतिमाएं सजी है। वजन के हिसाब से दर तय किया गया। पडरौना नगर के फूल माला बेचने वाले रामबाबू सैनी ने बताया कि बाजार भाव में आम दिनों की अपेक्षा तेजी आने से फूलों व मालाओं की मांग बढ़ी है। माला मंगा कर दुकानों की सजावट हो रही है। माला 20 से 30 रुपये की दर से बिकने वाला त्योहार के नाते 60 से 80 रुपये के बीच बेचा जा रहा है।

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