अवधनामा संवाददाता
इंटरनेशनल डिजास्टर रिडक्शन डे के अवसर पर दिल्ली में मिला सम्मान
इटावा। सामाजिक सेवा के क्षेत्र में कार्यरत संस्था जीवन जागृति सोसाइटी,भागलपुर बिहार ने इस वर्ष के लोक नायक जय प्रकाश नारायण राष्ट्रीय आपदा फरिश्ता सम्मान के लिए विभिन्न राज्यों से समाजसेवा के क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य कर रहे लोगों से आवेदन मांगे थे जिनमें से भी शीर्ष 61 लोगों को संस्था के निर्णायक मण्डल द्वारा कड़ी स्क्रीनिंग के बाद राष्ट्रीय आपदा फरिश्ता सम्मान हेतु दिल्ली बुलाया गया था।इसी क्रम में जनपद इटावा में पिछले कई वर्षों से सर्पदंश जागरूकता विषय पर लगातार कार्य कर रहे वन्यजीव विशेषज्ञ सर्पमित्र डॉ.आशीष त्रिपाठी को इस वर्ष लोक नायक जय प्रकाश नारायण राष्ट्रीय आपदा फरिश्ता सम्मान 2023 के लिए देश भर से मिले हजारों आवेदनों के बाद शीर्ष 61 लोगों में से चुना गया।
विदित हो कि सर्पमित्र डॉ.आशीष नगर पालिका परिषद, इटावा के पर्यावरण एवम वन्यजीव संरक्षण के ब्रांड एंबेसडर एवम मिशन स्नेक बाइट डेथ फ्री इंडिया के यूपी कोर्डिनेटर भी है।सर्पमित्र डॉ.आशीष त्रिपाठी को शुक्रवार को दिल्ली में अंतरराष्ट्रीय आपदा दिवस के अवसर पर दिल्ली के संसद मार्ग स्थित कोंस्टीट्यूशन क्लब में पूर्व न्यायधीश माननीय शिवा कीर्ति सिंह पूर्व न्यायधीश सुप्रीम कोर्ट ऑफ इंडिया एवम मुख्य न्यायधीश इलाहाबाद उच्च न्यायालय इलाहाबाद,श्री के एम सिंह फाउंडर मेंबर एनडीआरएफ एनडीएमए इंडिया,श्री नवीन चंद्र झा पूर्व सदस्य स्टेट फाइनेंस कमीशन,मनीष कुमार चौधरी ज्वाइंट डायरेक्टर जी एस टी इंटेलिजेंस,ब्रिगेडियर एस के सिन्हा विशेष सेवा मेडल गोरखा राइफल्स,मेजर राकेश शर्मा शौर्य चक्र विजेता(कारगिल युद्ध) सहित शिशु रोग विशेषज्ञ डॉ.अजय कुमार सिंह अध्यक्ष जीवन जागृति सोसाइटी की गरिमामयी उपस्थिति में प्रदान किया गया।सर्पमित्र डॉ.आशीष की इस विशिष्ट उपलब्धि पर जनपद इटावा की जनता सहित उनके शुभचिंतकों एवम इष्ट मित्रों ने उन्हें शुभकामनाएं दी है।
विदित हो कि जनपद इटावा के सर्पमित्र डॉ.आशीष त्रिपाठी के द्वारा अब तक के किए गए जन जागरूकता के अथक भागीरथी प्रयासों के परिणाम स्वरूप ही अब लोगों ने सर्पों सहित अन्य वन्यजीवों को मारना भी छोड़ ही दिया है साथ ही अब सर्प दंश होने पर किसी भी अंधविश्वास में न पड़कर झाड़ फूंक न कराकर सीधे ही अस्पताल आकर सर्पदंश का सही इलाज भी कराने लगे हैं,जागरूकता का इस प्रकार का बड़ा बदलाव इससे पूर्व जनपद इटावा में कभी भी नहीं देखा गया था।