इस्पा और जिफास ने अंतरिक्ष उद्योग की क्षमताओं की समझ बढ़ाने और फ्रांस एवं भारत में कारोबारी अवसरों को लेकर जागरूकता बढ़ाने के लिए एमओयू पर हस्ताक्षर किए
नई दिल्ली ।इंडियन स्पेस एसोसिएशन (इस्पा) ने आज राष्ट्रीय राजधानी में वार्षिक इंडियन स्पेस कॉनक्लेव के दूसरे संस्करण उद्घाटन किया। इस कॉनक्लेव का पहला दिन अंतरिक्ष क्षेत्र में भारत-फ्रांस गठबंधन को समर्पित रहा। इस आयोजन में फ्रांस और भारतीय अंतरिक्ष उद्योग के दिग्गज, स्टार्टअप्स के प्रतिनिधि और सरकारी अधिकारी शामिल हुए।
इस आयोजन में अंतरिक्ष उद्योग की क्षमताओं की समझ बढ़ाने और फ्रांस एवं भारत में कारोबारी अवसरों को लेकर जागरूकता बढ़ाने के उद्देश्य से इस्पा और जिफास- फ्रेंच एयरोस्पेस इंडस्ट्रीज एसोसिएशन के बीच एक महत्वपूर्ण समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए गए। इस गठबंधन से फ्रांस और भारत के अंतरिक्ष उद्योगों में टिकाऊ वृद्धि, नवप्रवर्तन को बढ़ावा देने और नई प्रौद्योगिकियां अपनाने में मदद मिलेगी। यह एमओयू अंतरिक्ष क्षेत्र में पहले से ही बेहतर भारत-फ्रांस संबंध का विस्तार करेगा और सदस्यों के लिए व्यापक अंतरराष्ट्रीय संपर्कों के लाभ के जरिए इन संगठनों का व्यक्तिगत एवं सामूहिक सदस्यता आधार बढ़ेगा। जैसा कि दुनियाभर में विद्यार्थियों के बीच अंतरिक्ष क्षेत्र के प्रति रुचि बढ़ रही है, इस साझीदारी से दोनों संगठनों के बीच अकादमिक एवं शैक्षणिक कार्यक्रम के आदान प्रदान में सुविधा मिलेगी जिससे सभी स्तरों पर प्रशिक्षण सुगम होगा।
इस कॉनक्लेव के साथ ही तीन दिन की प्रदर्शनी लगाई गई है जिसमें अग्रणी अंतरिक्ष स्टार्टअप्स और अकादमिक संस्थानों से 24 प्रदर्शकों ने अपने उत्पादों और सेवाओं को प्रदर्शित किया। इस प्रदर्शनी का उद्घाटन भारत में फ्रांस के मानद राजदूत टी. मैथू और छत्तीसगढ़ के राज्यपाल एवं पूर्व रक्षा सचिव शेखर दत्त द्वारा किया गया।
अपने उद्घाटन भाषण में इंडियन स्पेस एसोसिएशन के महानिदेशक लेफ्टिनेंट जनरल एके भट्ट (सेवानिवृत्त) ने कहा, “अंतरिक्ष में नए युग का सवेरा हमारे यहां हुआ है जहां भारतीय निजी अंतरिक्ष उद्योग में इस अंतरिक्ष क्षेत्र के हर पहलू में एक अहम भूमिका निभाने की संभावना है। सरकारी और निजी क्षेत्रों के बीच यह गठबंधन हमें नई ऊंचाइयों पर ले जाने, नवप्रवर्तन को बढ़ावा देने और प्रगति को गति देने का वादा करता है। इस यात्रा में मैं फ्रांस के साथ हमारे गठबंधन के महत्व को जरूर स्वीकार करना चाहूंगा क्योंकि फ्रांस हमारे अंतरिक्ष खोज प्रयासों में एक महत्वपूर्ण साझीदार है। फ्रांस एक दृढ़ मित्र रहा है और जिफास के साथ आज का एमओयू हमारे दो राष्ट्रों के बीच उद्योग गठबंधन को मजबूती देने की हमारी प्रतिबद्धता को दृढ़ करता है। साथ मिलकर, हम अंतरिक्ष खोज की सीमाओं को आगे बढ़ाना जारी रखेंगे और हमारी प्रतीक्षा कर रही असीमित संभावनाओं का दोहन करते रहेंगे।”
यूरोपियन स्पेस एजेंसी के अंतरिक्ष यात्री थॉमस पेसक्वे ने कहा, “भारत अपने गगनयान मिशन के जरिए मानव को अंतरिक्ष में भेजने का कीर्तिमान हासिल करने की दहलीज पर है। फ्रांस और भारतीय नेतृत्व का संमिलन, अंतरिक्ष खोज के गहरे महत्व को रेखांकित करता है। अंतरिक्ष, जलवायु परिवर्तन के खिलाफ लड़ाई में एक अहम भूमिका अदा कर रहा है जोकि इस बात से प्रमाणित होता है कि हमारा साझा भविष्य हमारे सितारों के बीच निहित है। जैसा कि रोवर्स निरंतर ग्रहों के बीच भावी यात्रा के लिए मार्ग प्रशस्त कर रहे हैं, हम खुद को असीम संभावनाओं की दहलीज पर पाते हैं। एक भविष्य के विजन को आत्मसात कर जहां निजी उद्योग निर्बाध रूप से अंतरिक्ष क्षेत्र के हर पहलू के साथ आपस में मिलें, हम एक सीमारहित ब्रह्मांडीय सीमा की तरफ बढ़ने का रास्ता तय कर सकते हैं।”
वीडियो के जरिए अपने संबोधन में अंतरिक्ष विभाग के सचिव और इसरो के चेयरमैन एस. सोमनाथ ने कहा, “अंतरिक्ष क्षेत्र के प्रत्येक पहलू में निजी उद्योगों का यह एकीकरण एक महत्वपूर्ण कीर्तिमान है जोकि नई सीमाएं खोल रहा है और नवप्रवर्तन की चिंगारी पैदा कर रहा है। मैं एक ऐसा पारितंत्र तैयार करने के लिए जो स्पेस स्टार्टअप्स को पोषित करे, हमारे अंतरिक्ष उद्योग की वृद्धि को गति दे, इस्पा की सराहना करता हूं। सार्वजनिक और निजी दोनों ही तरफ से सक्रिय भागीदारी के साथ यह सम्मेलन विचार नेतृत्व के लिए एक महत्वपूर्ण आयोजन होगा। जैसा कि हम टिकाऊ विकास, आपदा प्रबंधन, कारोबार क्षेत्र और जियोस्पैटियल नीति पर गंभीर चर्चा में लगे हैं, हम मानवता की बेहतरी के लिए इस अंतरिक्ष क्षेत्र में व्याप्त परिवर्तनकारी संभावनाओं को पहचानते हैं। इसके अलावा, एफडीआई के नियमों में ढील दिए जाने से विदेशी निवेश को और प्रोत्साहन मिलेगा जो हमें हमारी ब्रह्मांडीय प्रयासों में और अधिक ऊंचाई पर ले जाएगा।”