लखनऊ। ड़कियों की शिक्षा से जुड़े कार्यों की दिशा में महत्वपूर्ण कदम उठाने के लिए गुरूग्राम स्थित लोटस पेटल फाउंडेशन (एलपीएफ) और दिल्ली स्थित मोबियस फाउंडेशन ने एलपीएफ के प्रमुख डिजिटल लर्निंग प्रोग्राम विद्या सहयोग के अंतर्गत एक समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षऱ किए हैं। इन एकीकृत प्रयासों के माध्यम से विद्या सहयोग कार्यक्रम का यह प्रयास है कि चित्रकूट (उत्तर-प्रदेश), सतना (मध्य-प्रदेश), और श्योपुर (मध्यप्रदेश) के महत्वाकांक्षी ज़िलों में शैक्षणिक स्तर को अधिक ऊंचा किया जाए, छात्रों का सशक्तीकरण हो औरसीखने के लिए सहायकवातावरण को बढ़ावा मिले।
हाल ही में श्री प्रदीप बर्मन – चेयरमैन, मोबियस फाउंडेशन, श्री प्रवीण गर्ग, प्रेसिडेंट, मोबियस फाउंडेशन, श्री नीरज मित्तल, एवीपी, विद्या सहयोग, सुश्री सलोनी भारद्वाज, सह-संस्थापक एवं सीटीओ, लोटस पेटल फाउंडेशन, श्री देबकांत भंजा, प्रोजेक्ट मैनेजर, विद्या सहयोग और सुश्री अंकिता हाजरा, सीनियर प्रोग्राम मैनेजर, विद्या सहयोग, की उपस्थिति में एमओयू पर हस्ताक्षर किए गए।
इन दो प्रतिष्ठित फाउंडेशन के साथ सहयोग से उन बाधाओं को तोड़ने का प्रयास किया जाएगा जो लड़कियों की शिक्षा में अवरोध पैदा करते हैं और शिक्षा में लैंगिक समानता को बढ़ावा देने की कोशिश की जाएगी। युवा पीढ़ी को तैयार करने के लिए समर्पित एलपीएफ के कार्यक्रम- विद्या सहयोग के माध्यम से यह भागीदारी सुविधाओं से वंचित बच्चियों के लिए गुणवत्तापूर्ण शिक्षा के लिए पहुँच में वृद्धि करने के प्रयासों पर ध्यान केंद्रित करेगी।
आईटी इन्फ्रास्ट्रक्चर को मज़बूत बनाने और शिक्षा की गुणवत्ता में बढ़ोतरी के लिए एजुकेटर्स को आधुनिक शिक्षा कार्य-पद्धतियों और साधनों से सुसज्जित करने के लिए आवश्यक प्रावधानों को इस एमओयू में शामिल किया गया है। इसके साथ ही लड़कियों की शिक्षा के महत्व के बारे में जागरूकता लाने और अभिभावकों को समर्थन देने के लिए प्रोत्साहित करने के लिए स्थानीय समुदायों को जोड़ना इस सहयोग का लक्ष्य है
“टेक्नोलॉजी का लाभ लेते हुए यह भागीदारी डिजिटल लर्निंग संसाधनों के लिए पहुँच प्रदान करेगी और इस प्रकार वंचित समुदायों के बीच मौजूद डिजिटल दूरी को कम करेगी। हमारा प्रमुख डिजिटल-लर्निंग मॉड्यूल विद्या सहयोग कार्यक्रम चित्रकूट (उत्तर-प्रदेश), सतना (मध्य-प्रदेश), और श्योपुर (मध्यप्रदेश) के विकाससंबंधी परिदृश्य में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।इसमें तीन बहुत ही महत्वपूर्ण घटक शामिल हैं और प्रत्येक का लक्ष्य है प्रमुख क्षेत्रों में शैक्षणिक ईकोसिस्टम में वृद्धि करना जैसे कि पहले से ही हासिल की गई आधाररेखा मूल्यांकन पर आधारित एफएलएन क्लासेज़ (फंडामेंटल लर्निंग एंड न्यूमरेसी), आईटी इन्फ्रा और ज़मीनी स्तर के संसाधन जहाँ एलपीएफ नियमित उपस्थिति, शिक्षा के महत्व, मेन्टॉरशिप और कोचिंग के लिए बच्चों और अभिभावकों को एकजुट करेगा और वर्कशॉप और जागरूकता अभियानों के ज़रिए जागरूकता फैलाने का प्रयास करेगा।”
लोटस पेटल फाउंडेशन और मोबियस फाउंडेशन दोनों ही संयुक्त राष्ट्र के संवहनीय विकास लक्ष्य 4 – गुणवत्तापूर्ण शिक्षा के प्रति संकल्पित हैं और यह भागीदारी इस लक्ष्य को हासिल करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।“हमारा यह दृढ विश्वास है कि शिक्षा प्रगति और सशक्तीकरण की आधारशिला है। मोबियस फाउंडेशन के साथ हमारी भागीदारी के माध्यम से लड़कियों की शिक्षा और सशक्तीकरण के लिए योगदान देते हुए हम बहुत उत्साहित हैं जो अंत में एक अधिक उज्ज्वल और समान भविष्य का निर्माण करेगा।” लोटस पेटल फाउंडेशन के संस्थापक कुशल चक्रवर्ती ने कहा
श्री प्रदीप बर्मन – चेयरमैन, मोबियस फाउंडेशनने अपने विचार साझा करते हुए कहा, “लोटस पेटल फाउंडेशन के साथ किया गया यह सहयोग शिक्षा के माध्यम से सकारात्मक बदलाव लाने के हमारे मिशन के साथ संरेखित है। लड़कियो की शिक्षा के क्षेत्र में एक अर्थपूर्ण प्रभाव लाने के लिए हमारे संसाधनों और विशेषज्ञता को जोड़ने के लिए हम बहुत उत्सुक हैं।”
इस क्षेत्र के चार प्रतिष्ठित आवासीय विद्यालयों में से एक, जो मुख्य रूप से लड़कियों के शिक्षा-आधारित सशक्तिकरण पर ध्यान केंद्रित करता है जोचित्रकूट में स्थितकस्तूरबा गांधी बाल विद्यालय है। ये स्कूल 100 स्कूलों में शिक्षा में सुधार के लिए मोबियस फाउंडेशन के बड़े मिशन के तहत पायलट प्रोजेक्ट का एक हिस्सा हैं, जिसमें कुल लाभार्थी संख्या 780 छात्र हैं।यदि यह प्रारंभिक पायलट परियोजना सफल रही, तो भविष्य में अधिक स्कूलों को शामिल करने के लिए इसका विस्तार करना संभव होगा।
यह भागीदारी शिक्षा के क्षेत्र में लड़कियों के अधिकारों और अवसरों का समर्थन करने की लोटस पेटल फाउंडेशन और मोबियस फाउंडेशन की साझा प्रतिबद्धता का प्रतीक है। यह बाधाओं को दूर करने और एक ऐसी दुनिया का निर्माण करने के उनके समर्पण को दर्शाता है जहाँ प्रत्येक लड़की को अपनी संपूर्ण क्षमता को हासिल करने का अवसर मिल सके।
शहरी और अर्ध-शहरी क्षेत्रों में रह रहे सुविधाओं से वंचित बच्चों के लिए समान अवसऱों के निर्माण के प्रमुख उद्देश्य के साथ नवंबर 2011 में एक ग़ैर-लाभकारी संस्थालोटस पेटल फाउंडेशनकी स्थापना की गई।बच्चों और इसके साथ उसके समुदाय के लिए नवाचारी कार्यपद्धतियों, वैज्ञानिक तपस्या, डेटा और विश्लेषण के उपयोग से हम शिक्षा, स्वास्थ्य देखभाल और पोषण के क्षेत्र में उच्च प्रभाव वाले अंत:क्षेप का निर्माण करते हैं। ज़्यादा जानकारी के लिए https://www.lotuspetalfoundation.orgइस वेबसाइट पर जाएं।