अवधनामा संवाददाता
बाँदा। इन दिनो जिला चिकित्सालय मे मरीजो की भारी तादाद उमड रही है , जहां प्रतिदिन 70/80 मरीज प्रतिदिन की ओपीडी होती थी वहीं अब प्रतिदिन ओपीडी मे एक हजार से अधिक मरीज आ रहे हैं जिससे अव्यवस्था का माहौल उत्पन्न हो रहा है क्योकि औसतन एक मरीज के साथ तीन चार लोग आते है ।
वैसे एक कहावत भी है कि बीमारी से अधिक बचाव जरूरी है । इस समय मौसमी बीमारियों से पीडितो की संख्या सर्वाधिक है उसमे भी बुखार और पेट दर्द के मरीज सबसे अधिक आ रहे हैं ।
पेट दर्द मे गैस की समस्या और डायबिटीज के मरीज सबसे अधिक हैं , इस समय खान पान असंयमित होने से पेट दर्द और गैस की समस्या सबसे अधिक होती है ।
बाँदा जनपद मे पीने वाले पानी मे गंदगी सबसे अधिक घरेलू नलो से ही आती है जिससे पेट के रोगी बढ रहे हैं ।
सरकारी अस्पताल मे अपनी सेवायें दे रहे डाक्टर सुनील कुमार का भी कहना है कि बीमारी से अधिक जरूरी है उसका बचाव।
डायबिटीज और गैस इन दिनो आम बीमारी हो गयी है , परंतु इनका उपचार आज भी बिना विशेषज्ञ के सम्भव नही है इसीलिये
डायबिटीज लाइजाल नही बस जागरूकता आवश्यक
है
ऐसा कहना है गैस्ट्रोलाजिस्ट और डायबटीज के विशेषज्ञ डा.सुनील कुमार का उन्होने एक साक्षात्कार मे बताया कि ये एक मोटाबोलिज्म डिसआर्डर के होने वाला रोग है जिसमे आपको अपने शरीर को फिट रखना आवश्यक है जिसके लिये प्रतिदिन आधे घंटे या दो तीन किलोमीटर पैदल चलना , नियमित व्यायाम , भोजन मे कार्बोहाइड्रेट कम से कम प्रयौग करें।
डायबिटीज के मरीज क्या खायें : करेले , आंवला , एलोवेरा का जूस ले सकते है , पोहा , सब्जियों मे खीरा टमाटर खा सकते है , ब्राउन ब्रेड खा सकते है ,पनीर हरी सब्जी , चपाती खा सकते हैं , दाल भी ले सकते है
डायबिटीज रोगी क्या ना खायें: सुगर , मिठायी , चावल , आलू , गन्ने का जूस , मीट , कोक, आईसक्रीम, चाकलेट , आदि के सेवन से परहेज करें