Monday, March 17, 2025
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HomeUttar PradeshAzamgarhफाइलेरिया उन्मूलन की 47.13 लाख लोगों ने खायी दवा

फाइलेरिया उन्मूलन की 47.13 लाख लोगों ने खायी दवा

अवधनामा संवाददाता

आजमगढ़। फाइलेरिया उन्मूलन अभियान के तहत जनपद में शुक्रवार से आईडीए (आइवरमेक्टिन, डाईइथाइल कार्बामजीन और एल्बेंडाजाल) अभियान की शुरुआत की जाएगी। शुरू हो रहा है। इसके तहत जिले की 47.13 लाख आबादी को फाइलेरिया से बचाव की दवा खिलाई जाएगी। यह जानकारी मुख्य चिकित्सा अधिकारी डा० आईएन तिवारी ने गुरुवार को दी। इस संबंध में जिला मलेरिया अधिकारी ने बताया कि अभियान की सफलता के लिए कई पहल की गई है। इसमें पहली बार मेडिकल कालेजों में बूथ लगाए गए हैं। वहीं इस बार शहरी क्षेत्र में खासकर अपार्टमेंट्स और मलिन बस्ती में रहने वाले लोगों को फाइलेरिया से बचाव की दवा खिलाने का लक्ष्य निर्धारित है। अभियान के दौरान 4009 आशा,आशा संगिनी एवं 669 सुपरवाइजर की टीम घर-घर जाकर दवा खिलाएंगी। उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य केंद्रों के अलावा विभिन्न स्थानों पर दवा सेवन के लिए बूथ भी लगेंगे।
उन्होंने स्पष्ट किया कि दवा स्वास्थ्य कार्यकर्ता के सामने ही खानी है और दवा खाली पेट नहीं खानी है। आइवरमेक्टिन ऊंचाई के अनुसार खिलाई जाएगी जबकि एल्बेंडाजोल को चबाकर ही खानी है। फाइलेरिया की दवा दो वर्ष से कम उम्र के बच्चों, गर्भवती व अत्यधिक बीमार लोगों को नहीं खानी है। शेष सभी लोग साल में एक बार और लगातार पांच वर्ष तक दवा खाकर भविष्य की परेशानियों से बच सकते हैं। दवा न खाने के लिए किसी तरह का बहाना आपको जीवनभर के लिए मुसीबत में डाल सकता है। दवा खाने के बाद जी मिचलाना, चक्कर या उल्टी आए तो घबराएं नहीं। ऐसा शरीर में फाइलेरिया के परजीवी होने से हो सकता है,जो दवा खाने के बाद मरते हैं। ऐसी प्रतिक्रिया कुछ देर में स्वतः ठीक हो जाती है। यह बीमारी इस मामले ज्यादा खतरनाक है कि इसके लक्षण ही 10-15 वर्ष बाद दिखते हैं और जब दिखते हैं तब इसका कोई खास उपचार नहीं बचता है। वहीं शुरू में संक्रमित व्यक्ति बिना किसी लक्षण के दूसरे स्वस्थ व्यक्ति को संक्रमित करता रहता है।

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