बोरानाड़ा थाना क्षेत्र में सोमवार तड़के एक फैक्ट्री की दीवार ढह गई। मलबे में करीब 13 श्रमिक दब गए। जिनमें से तीन श्रमिकों की मौत हो गई। श्रमिकों को मलबे से निकालकर एमडीएम हॉस्पिटल भिजवाया गया है। जहां उनका उपचार जारी है। दो श्रमिकों के शव को एम्स हॉस्पिटल की मोर्चरी और एक श्रमिक का शव एमडीएम की मोर्चरी में रखवाया गया है। सभी मजदूर कोटा व मध्यप्रदेश के रहने वाले है।
जानकारी के अनुसार रविवार रात से जोधपुर में बारिश का दौर चल रहा है। ऐसे में बोरानाड़ा थाना क्षेत्र के सालावास रोड पर महालक्ष्मी टिम्बर नाम से संचालित होने वाली एक फैक्ट्री की दीवार सुबह चार बजे अचानक से ढह गई। दीवार के पास दूसरी फैक्ट्री के श्रमिकों की रहने के लिए तीन शेड बने हुए थे। दीवार गिरने से 13 श्रमिक मलबे के नीचे दब गए। हादसे की सूचना मिलने के बाद पुलिस व अन्य लोग भी मदद के लिए मौके पर पहुंच गए और श्रमिकों को मलबे से बाहर निकाला गया। हादसे में तीन श्रमिक की मौके पर ही मौत हो गई। अन्य घायल श्रमिकों का एम्स हॉस्पिटल में उपचार चल रहा है। इनमें से एक श्रमिक की हालत गंभीर बनी हुई है।
बोरानाडा थाने के एसएचओ शकील अहमद ने बताया कि तेज बारिश के कारण देर रात तीन बजे न्यू महालक्ष्मी फैक्ट्री की दीवार गिर गई। फैक्ट्री की दीवार के पीछे मजदूरों के टिन शेड बने हुए थे। ऐसे में पीछे की दीवार मजदूरों के टीन शेड पर जाकर गिर गई, जिसमें 13 मजदूर दब गए। सूचना मिलते ही करीब साढ़े तीन बजे पुलिस मौके पर पहुंची और रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू किया। लेकिन, तब तक तीन मजदूरों की मौत हो चुकी थी। वहीं, अन्य मजदूरों को दीवार काटकर बाहर निकाला। उन्होंने बताया कि हादसे में नंदू (45), सुनीता (32) और मंजू (35) की मलबे में दम घुटने से मौत हो गई है। वहीं, पांसुराम (32), संजय (23), मांगीबाई (50), पवन (19), शांति (33), दिनेश (34), हरीराम (28), पूरी पत्नी दिनेश और दिनेश पुत्र गंगाराम घायल हो गए। जिनका अस्पताल में उपचार जारी है।