हिमाचल प्रदेश में पिछले 60 घंटों से लगातार हो रही मूसलधार बारिश से जनजीवन अस्त व्यस्त हो चुका है. भारी बारिश से कई इलाकों में जल प्रलय जैसे हालात पैदा हो गए हैं. नदियों में जलस्तर बढ़ने से प्रदेश के तीन बांधों के गेट खोलने पड़े, जिससे रावी और ब्यास नदी का पानी रिहायशी इलाकों तक पहुंच गया है.
भारी बारिश की वजह से कुल्लू-मनाली और चंबा में चार पुल बह गए. मंडी के दवाड़ा और चंबा के तीसा में पानी हाईवे पर आने से वाहनों का रूट बदलना पड़ा. चंबा के भरमौर में भू-स्खलन से 60 भेड़-बकरियां मलबे में जिंदा दफन हो गईं. मंडी और चंबा जिला में 5 मकान तथा 3 गौशाला क्षतिग्रस्त हुई हैं.
मीडिया रेपोर्ट्स के मुताबिक भूस्खलन से एक नेशनल हाईवे समेत 126 सड़कों पर वाहनों की रफ्तार पर पूरी ब्रेक लग गया है. इससे लगभग 100 बस रूट प्रभावित हुए हैं.
Following heavy rains, river #Beas and Phojal Nalla in spate. Phojal Nalla is flowing in its old path again after decades. Details are awaited. (ANI)#HimachalPradesh #Kullu #Manali #Flood #Rains pic.twitter.com/MRSdPRq4Ys
— Himachal Watcher (@HimachalW) September 23, 2018
रोहतांग में एक, कोकसर में डेढ़, दारजा में ढाई, केलंग में दो, लोसर में आधा फीट और उदयपुर में 5 से 6 इंच बर्फबारी दर्ज की गई है. सरकारी आंकड़ों के मुताबिक, हिमाचल में एक जुलाई से 23 सितंबर तक 1,231 करोड़ रुपए का नुकसान हुआ है.
हिमाचल में दो दिन से हो रही लगातार बारिश से सबसे ज्यादा 48 सड़कें शिमला जोन में अवरुद्ध हुई हैं. बिलासपुर में शुक्रवार रात से हो रही बारिश से करीब एक दर्जन से अधिक सड़कों पर भूस्खलन हुआ है. कांगड़ा ज़ोन के डलहौजी में 41 सड़कें, मंडी जोन में 36 सड़कें और एन.एच. शाहपुर जोन में 1 नेशनल हाईवे बंद पड़ा है.